राजकुमार मधुकर, नईदुनिया, रायपुर: गर्भवती महिलाओं के लिए जीवनरेखा कही जाने वाली जननी सुरक्षा योजना इन दिनों खुद वेंटिलेटर पर पहुंच गई है। नियमों के अनुसार प्रसव के सात दिन के भीतर महिलाओं को सहायता राशि उनके खाते में मिल जानी चाहिए, लेकिन प्रदेश में पिछले तीन महीनों से भुगतान नहीं हो सका है। प्रदेश की लगभग 50 हजार महिलाएं आज भी योजना की राशि का इंतजार कर रही हैं। रायपुर जिले में तीन माह में 6200 प्रसव हुए हैं। इनमें से 2200 महिलाएं बैंकों और अस्पतालों के चक्कर लगा रही हैं।
जननी सुरक्षा योजना के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 55 करोड़ 85 लाख रुपये का बजट मंजूर किया है। योजना का लक्ष्य 6.81 लाख महिलाओं को लाभ देना है। अब तक प्रदेश में लगभग 1.47 लाख प्रसव हो चुके हैं, लेकिन इनमें से 50 हजार से अधिक महिलाओं को राशि नहीं मिली। जिला अधिकारियों का कहना है कि वे डिमांड राज्य स्तर पर भेज चुके हैं, मगर भुगतान की फाइलें मंत्रालय में अटकी पड़ी हैं। नतीजा यह है कि फंड केंद्र से आने के बावजूद महिलाओं तक नहीं पहुंच पा रहा।
योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि प्रसव के बाद पोषण, दवाइयों और नवजात की देखभाल के लिए उपयोगी होती है।
यह भी पढ़ें- CG Maoist Surrender: 64 लाख के इनामी 30 माओवादियों सहित 71 ने किया आत्मसमर्पण, 20 महिलाएं शामिल
जननी सुरक्षा जैसी योजना केवल पैसे बांटने की योजना नहीं है। यह मातृत्व शक्ति को सशक्त बनाने और नवजात शिशु को कुपोषण से बचाने का बड़ा कदम है। सरकार को इसे टॉप प्रायोरिटी में लेकर तुरंत भुगतान करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो योजना अपने असली मकसद से भटक जाएगी।”
रिटायर्ड आइएएस बीकेएस, स्वास्थ्य विशेषज्ञ
फंड की कमी के कारण भुगतान अटका है। राज्य स्तर पर डिमांड भेज दी गई है। फंड मिलते ही राशि तुरंत जारी कर दी जाएगी।
- डॉ. मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ, रायपुर
मैं इसे दिखवाता हूं क्यों देरी हुई है, जल्द ही राशि जारी करने का निर्देश देता हूं।
- श्यामबिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री, छग शासन