नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। रायपुर रेंज साइबर पुलिस ने एपीके फाइल के जरिए लोगों से ऑनलाइन ठगी (Cyber Crime) करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने फर्जी म्यूल बैंक अकाउंट संचालन करने वाले चार आरोपियों में गजसिंह सुना (ओडिशा), भिखु सचदेव (गुजरात), साहिल कौशिक (बिलासपुर) और हर्षित शर्मा (रायपुर) को गिरफ्तार किया है। ये जालसाज रायपुर के गोल चौक और कटोरातालाब में मैट्रिमोनियल साइट चलाने के लिए बकायादा ऑफिस खोलकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे।
यह ठगी नेटवर्क चीनी नागरिकों से संचालित होता था और एपीके एप्लीकेशन के माध्यम से भारत में बैंक खातों का कंट्रोल किया जाता था। इन खातों के जरिए करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग की जा रही थी। देश के विभिन्न राज्यों में 500 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर अब तक लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपियों के कब्जे से 50 मोबाइल, 10 डेस्कटॉप कंप्यूटर, कई सिम कार्ड और 60 बैंक अकाउंट की किट जब्त की हैं।
जांच में यह भी पता चला कि जालसाजों ने लोगों को फंसाने के लिए तीन मैट्रिमोनियल साइट www.e-rishta.com, www.jeevanjodi.com और www.royalrishtey.com बनाई थीं। इन फर्जी साइट्स पर उन्होंने वर-वधू का फर्जी फोटो दिखाकर ऑनलाइन लोगों से रकम ऐंठी। जालसाज लोगों से ऑनलाइन संपर्क करते और रिश्ता तय करने के एवज में फीस की मांग करते थे। इच्छुक लोग साइट में जुड़ते और जालसाज उन्हें एपीके फाइल भेजकर रकम ट्रांसफर करवाते थे। मोबाइल और कंप्यूटर के माध्यम से पूरी ट्रांजेक्शन प्रक्रिया को हैक कर देखते थे।
रेंज साइबर पुलिस की जांच में यह राजफाश हुआ कि इन एपीके फाइलों का संचालन चीन में बैठे लोगों द्वारा किया जाता था। ठगी की रकम का 20 से 30 प्रतिशत कमीशन आरोपियों द्वारा चीन को दिया जाता था।
रेंज साइबर पुलिस ने डीडीनगर में 79 म्यूल अकाउंट्स और आजाद चौक थाने में 17 म्यूल अकाउंट्स के खिलाफ जांच की। जांच में पता चला कि रायपुर के विभिन्न बैंकों से लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ, जो सीधे मैट्रिमोनियल साइट के जरिए ठगी में इस्तेमाल किया गया।
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जांच में यह भी सामने आया कि जालसाज रायपुर में पिछले एक वर्ष से ऑफिस खोलकर ठगी की दुकान चला रहे थे। इनके द्वारा देश भर में 500 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा चुका है।
रायपुर रेंज आइजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि एपीके फाइल के जरिए लोगों से ठगी की जा रही थी। ऑफिस रायपुर में खोला गया था। ठगी की रकम के लिए म्यूल अकाउंट का उपयोग किया जा रहा था। गिरफ्तार आरोपितों से जानकारी मिली है। उनके अन्य साथियों की तलाश जा रही है।