
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नक्सल प्रभावित बस्तर, जहां बम-धमाकों की गूंज अक्सर सुनाई देती है। अब वहां का संगीत पुरी दुनिया सुन रही है। बस्तर के यूट्यूबर हरजीत सिंह पप्पू भारत के पहले कीबोर्ड प्लेयर हैं, जिन्हें यूट्यूब से गोल्डन बटन अवार्ड मिल चुका है। की-बोर्ड पर उनकी कलाकारी को दुनियाभर में 20 करोड़ लोग देख चुके हैं।
तीन साल में ही उनके चैनल को 11 लाख 36 हजार लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं। यहां हरजीत सिंह पप्पू की बात इसलिए हो रही है, क्योंकि शनिवार को दिग्गज गजल गायक पंकज उधास के साथ वे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सेलिब्रेटी कीबोर्ड प्लेयर के तौर पर आए हुए हैं। उनके साथ की-बोर्ड पर उनकी संगत को दर्शकों ने खूब सराहा भी।
जीवनसंगिनी भी गुणी, 24 बोली-भाषा में गाए गीत
हरजीत सिंह पप्पू की पत्नी वर्षा देवगुण भी संगीत के क्षेत्र में बस्तर क्षेत्र में जाना-माना नाम है। बस्तर व अन्य प्रांत के करीब 24 क्षेत्रीय बोली-भाषा में वे गीत गा चुकी हैं। हरजीत व वर्षा हल्बी, गोंडी, भतरी सहित कई बोलियों में गाने रिकार्ड कर चुके हैं। उनका रिकार्ड किया हुआ हल्बी गीत, रान बेलो रे हुन तोरा तेलो बहुत प्रसिद्ध भी है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे पर अक्सर ये गाना बजते हुए आप सुन सकते हैं। उनके बेटे ओमी व रोमी भी संगीत से जुड़े हुए हैं। बेटे ओमी के यूट्यूब चैनल पर भी ढाई लाख सब्सक्राइबर्स हैं।
खुद ही सीखा, बिना गुरु के एकलव्य
हरजीत ने बताया, 90 के दशक में जब वे 18 साल के थे, तब उन्होंने साउंड सिस्टम का काम शुरू किया। आर्केस्ट्रा में वे अपना सिस्टम लगाते थे। धीरे-धीरे उन्हें संगीत में रुचि होने लगी। इसके बाद उन्होंने पैसे जमाकर अपना कीबोर्ड प्लेयर खरीद लिया। बिना किसी गुरु के खुद ही उन्होंने इसे सीखकर इसमें महारत हासिल कर ली। बाद में स्थानीय कलाकारों को जोड़कर डायमंड बेल्स संगीत ग्रुप बनाया। इस ग्रुप के करीब 150 कलाकार ऐसे हैं, जो अब अपने-अपने स्थान पर प्रसिद्ध हैं। दूरदर्शन, आल इंडिया रेडियो व टीवी सीरियल में संगीत दे चुके हैं।