
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी राशि के बंदरबांट और गड़बड़ी करने के मामले में एक प्राचार्य, चार असिस्टेंट प्रोफेसर समेत पांच को निलंबित कर दिया गया है। मामला महासमुंद के शासकीय आदर्श महाविद्यालय, लोहारकोट का है।
यहां के प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी को पीएम-उषा और रूसा मद से आवंटित करीब 1.06 करोड़ रुपये की खरीदी में गड़बड़ी के मामले में निलंबित किया गया है। इसके साथ ही क्रय समिति के अन्य सदस्यों में शासकीय कॉलेज पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापकों में डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पत सिंह विशाल, पीठी सिंह ठाकुर और डॉ. एसएस दीवान को निलंबित कर दिया है। गड़बड़ी में इनकी भी संलिप्तता पाई गई है। निलंबन की अवधि में इन सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक कार्यालय, रायपुर होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने शिकायत मिलने के बाद जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों के निलंबन और राशि वसूली की सिफारिश की है। मंत्री टंकराम वर्मा के निर्देश पर ये कार्रवाई हुई है। बतादें कि इस मामले को नईदुनिया ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद राज्य शासन के अधिकारियों ने इस पर कार्रवाई की।
उच्च शिक्षा आयुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी ने अक्टूबर और नवंबर 2025 के बीच बिना शासन की अनुमति के करोड़ों की सामग्री खरीद ली। भंडार क्रय नियमों के तहत 50,000 रुपये से अधिक की खरीदी के लिए निविदा अनिवार्य है, लेकिन प्राचार्य ने सीधे एल वन मोड का सहारा लेकर चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाया। संदेह है कि जांजगीर की जिन तीन फर्मों (सागर इंडस्ट्रीज, सिंघानिया ग्रुप और ओशन इंटरप्राइजेस) से खरीदी हुई, वे एक ही परिवार की हैं।
जांच समिति के संयोजक डॉ. किशोर कुमार तिवारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह संदेहास्पद है। समिति ने पाया कि दो महीने के भीतर एक करोड़ से अधिक की खरीदी और तत्काल सप्लाई मिलीभगत की ओर इशारा करती है।
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क्रय समिति में कॉलेज के स्टाफ के बजाय बाहरी सदस्यों को शामिल किया गया। प्राचार्य और क्रय समिति के सदस्यों पर निलंबन, एफआइआर और वसूली की अनुशंसा की गई थी। राजिम और बिलासपुर के बाद महासमुंद का यह मामला बताता है कि पारदर्शिता के लिए बना जेम पोर्टल अब भ्रष्टाचार का नया माध्यम बनता जा रहा है।
जेम पोर्टल के माध्यम से अनियमितता करने पर ये कार्रवाई हुई है। आगे भी इस तरह के कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
- टंकराम वर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़