राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनता से किया अपना वादा भी पूरा कर दिया। शाह ने कुनकुरी में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवार विष्णु देव साय को लेकर कहा था कि विष्णुदेव साय हमारे अनुभवी कार्यकर्ता हैं, नेता हैं, वे लोकसभा सदस्य रहे, विधायक रहे और प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। एक अनुभवी नेता को आपके सामने भाजपा लेकर आई है, आप उनको विधायक बना दो, इनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।
तब से ही लगने लगा था
उनके इस बयान के बाद से ही लगने लगा था कि अगर छत्तीसगढ़ में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलती है और उसकी सरकार बनती है तो विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। आखिरकार शाह का वादा पूरा हो गया। इतना ही नहीं साय की गिनती राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी नेताओं में होती है। वह पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के भी करीबी हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के पीछे रमन का भी खुला समर्थन रहा है।
किसान पिता के बेटे हैं
विष्णु देव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के जिला जशपुर स्थित कुनकुरी (कांसाबेल) के गांव बगिया में हुआ था। इनके पिता स्वर्गीय रामप्रसाद साय किसान रहे हैं। कृषक परिवार के साय की मां का नाम जसमनी देवी है। साय का विवाह 27 मई 1991 में कौशल्या साय से हुआ। उनका एक बेटा और दो बेटियां है। साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947-1952 तक विधायक रहे। जनसंघ के समय विष्णु देव के बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय सन् 1962-1967 तक लैलूंगा विधानसभा से विधायक रहे और 1972-1977 तक बगीचा विधानसभा से विधायक रहे। 1967 से 1979 तक लोकसभा सदस्य व केंद्रीय संचार राज्यमंत्री रहे। बड़े पिताजी स्वर्गीय केदारनाथ 1967-1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक रहे। साय ने 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है।
पंच से सीएम तक पहुंचे
विष्णु देव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में की थी। इसके बाद 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच बने। 1990 से 1998 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में तपकरा से विधायक रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 में रायगढ़ से 13वीं लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद 2004 में दोबारा रायगढ़ से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। 2006 में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2009 में तीसरी बार रायगढ़ से लोकसभा सदस्य बने।
2011 में दूसरी बार छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। 2014 में नरेन्द्र मोदी की सरकार में 16वीं चौथी बार रायगढ़ से लोकसभा सदस्य चुने गए। 27 मई 2014 से 2019 तक केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। उन्होंने मोदी सरकार में इस्पात, खान, श्रम और रोजगार मंत्रालय का दायित्व संभाला।
2020 से 2022 तक तीसरी बार छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। दो दिसंबर 2022 को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य रहे। आठ जुलाई 2023 को राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य चुने गए। विधानसभा चुनाव 2023 में कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी यूडी मिंज को 25,541 वोटों से हराकर विधायक निर्वाचित हुए।