दुर्ग। Success Story: छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिला के ग्राम बोरीगारका की बेटी हिषा बघेल का चयन इंडियन नेवी एसएसआर की पहली महिला बैच में हुआ है। महिला बैच में 19 साल की हिषा को जिले का पहला अग्निवीर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। हिषा पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अव्वल थी और उसके मन में बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था।

भाई ने बताया हिषा के मन में बचपन से ही थी देश सेवा की जज्बा

इंडियन नेवी एसएसआर की पहली महिला बैच में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अंतर्गत ग्राम बोरीगारका की बेटी हिषा ने चयनित होकर प्रदेश एवं जिले का नाम रोशन किया है। भाई कोमल बघेल ने बताया कि परिवार में माता-पिता,दो बहन और एक भाई है। हिषा के पिता आटो चलाते हैं वे कैंसर से पीड़ित है। पिता के बीमारी की वजह से घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।

पारिवारिक परेशानियों के बीच हिषा ने 96 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं बोर्ड (गणित संकाय) की परीक्षा उत्तीर्ण की। हिषा के जज्बे को देखकर माता-पिता और भाई ने उनके डिफेंस में जाने की इच्छा पर हामी भर दी। इस बीच इंडियन नेवी में अग्निवीर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। यहां पहली महिला बैच में 560 पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें पूरे देश में लगभग 200 महिलाएं चयनित हो पाई।

छत्तीसगढ़ से हिषा ने मेरिट बेस में स्टेज-1 को पार कर विशाखा पट्नम में आयोजित लिखित परीक्षा दिलाई। लिखित परीक्षा के बाद उसने फिजिकल टेस्ट में भी टाप कर सबसे पहले चयनित हुई। वर्तमान में हिषा उड़ीसा में ट्रेनिंग ले रही है। भाई कोमल ने बताया कि फिजिकल की तैयारी के लिए हिषा सुबह चार बजे से उठकर प्रैटिक्स करती थी।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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