
नईदुनिया प्रतिनिधि,बिलासपुर: राज्य स्तर पर एक बार फिर आयुष्मान भारत से इलाज करने वाले निजी अस्पतालों को जांच के दायरे में लेकर गड़बड़ी मिलने पर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिला स्तर पर मिली शिकायतों के आधार पर मौजूदा स्थिति में 20 से ज्यादा निजी अस्पतालों को जांच के दायरे में लिया गया है। इन्हें नोटिस थमाकर जवाब मांगा गया है। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर ऐसे अस्पतालों को आयुष्मान भारत से इलाज करने से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की नोडल एजेंसी ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में अनियमितता बरतने, गड़बड़ी करने और संचालन सही तरीके से नहीं करने की शिकायतें मिलने के बाद निजी अस्पतालों को जांच के दायरे में लिया है। स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर आरोग्य 104 पर मरीजों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। शिकायत इतनी ज्यादा है कि शासन को इन शिकायतों की जांच करने के लिए बाध्य होना पड़ गया।
राज्य शासन के निर्देश पर हर जिले के आयुष्मान भारत की टीम जांच कर रही है। इस दौरान गड़बड़ी करने की पुष्टि होने पर संबंधित निजी अस्पतालों को छह महीने तक आयुष्मान भारत से इलाज करने से वंचित रखा जा रहा है। जिला स्तर पर भी ऐसे अस्पतालों की तेज गति से जांच की जा रही है। शिकायत के आधार पर 20 से ज्यादा निजी अस्पतालों को नोटिस तक थमा दिया गया है।
अभी तक शहर के सात अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन अस्पतालों से तीन से लेकर छह महीने तक इलाज की अनुमति छीन ली गई है। इन अस्पतालों में शिव टाकीज रोड स्थित लाडीकर हॉस्पिटल, तोरवा चौक के पास स्थित पेंडलवार हॉस्पिटल, शशि मेमोरियल हॉस्पिटल राजकिशोर नगर, पूजा नर्सिंग होम पुराना हाई कोर्ट रोड के पास, ओम श्री बालाजी नर्सिंग होम देवनंदन नगर, डॉ मित्तल हॉस्पिटल, रेंबो हॉस्पिटल देवकीनंदन चौक के पास शामिल हैं।
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आयुष्मान भारत के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों की जांच की जा रही है। मिली शिकायत के आधार पर अस्पतालों को नोटिस भेजा जा रहा है। जवाब सही नहीं मिलने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. शुभा गढ़ेवाल, सीएमएचओ