रायपुर। छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के जामड़ी पाटेश्वर सेवा संस्थान को हटाने को लेकर मिले वन विभाग से नोटिस के बाद गुरुवार को धाम के संचालक राम बालक दास ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की और उन्हें पाटेश्वर धाम की विस्तृत जानकारी और नोटिस की जानकारी दी। राज्यपाल ने श्री रामबालक दास को सहयोग का आश्वासन दिया है।
राम बालक दास की राज्यपाल से मुलाकात भक्तों के निवदेन पर हुई। रामबालक ने राज्यपाल को बताया कि साल 1975 से सदगुरुदेव श्री राज योगी बाबा की जामड़ी पाटेश्वर धाम तपस्थली है। राम बालक दास सन 1986 में नौ वर्ष की उम्र से यहां गुरुदेव के साथ रहते हुए पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन भारतवर्ष में गौ रक्षा एवं सनातन धर्म के लिए कार्य कर रहे हैं। इन 45 वर्षों में कई बार वन विभाग के द्वारा कई प्रकार के पत्र पाटेश्वर सेवा संस्थान को प्राप्त हुए। सभी का संस्थान ने समयानुसार जवाब भी दिया। लेकिन संस्थान में अवैध कब्जा और बेदखली शब्द का उपयोग करते हुए पहली बार इस प्रकार का नोटिस डीएफओ बालोद सतोविसा समाजदार ने दिया है। छत्तीसगढ़ में बहुत से देवस्थान वन भूमि पर हैं लेकिन केवल पाटेश्वर धाम को नोटिस दिया जाना और ग्राम पंचायत से लेकर आदिवासी समाज को भड़का कर पाटेश्वर धाम के खिलाफ करने का प्रयास करना बहुत ही निंदनीय है।
मंदिर परिसर बालोद जिला संविधान के पांचवी अनुसूची में आने से इस अनुसूची के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल होते हैं। श्री जामडी पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास महात्यागी आज राजभवन में राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके से मिले। और उन्होंने राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को बालोद जिले के वन मंडलाधिकारी सतोविसा समाजदार के द्वारा श्री जामडी पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास महात्यागी को मंदिर निर्माण स्थल पर स्थित मंदिर के निर्माण से संबंधित प्रमाण और निर्माण की अनुमति से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने कहा। कागजात प्रस्तुत नहीं करने पर मंदिर परिसर स्थल पर किये गए निर्माण कार्यो को हटाने की कार्रवाई करने संबंधी पत्र प्रेषित किया है। संत राम बालक दास ने बताया कि देश भर में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं, पाटेश्वर धाम भक्तों की सुविधा के किए प्रदेश सरकार ने यहां विश्राम भवन निर्माण कराया। पेयजल, विद्युत की व्यवस्था सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराईं गईं।
साथ ही पाटेश्वर धाम संस्था द्वारा उक्त भूमि का पट्टा दिए जाने बाबत विगत कई वर्षों से वन विभाग से पत्राचार तथा आवश्यक कार्यवाही भी की जा रही है।
राम बालक दास ने राज्यपाल को बताया कि इतने वर्षों बाद बालोद डीएफओ ने मंदिर निर्माण परिसर में निर्मित मंदिर और शासन द्वारा निर्मित निर्माण कार्यो को तोड़े जाने संबंधी पत्र देने से समाजिक सद्भावना खराब होने की आशंका पैदा होने लगी है। देश भर में रहने वाले पाटेश्वर धाम के भक्तों में आक्रोश व्याप्त होने लगा है। उन्होंने वन विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने और मंदिर परिसर से संबंधित भूमि का पट्टा दिलाने की मांग की है।