नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार की शाम बीरगांव के गाजी नगर वार्ड क्रमांक-29 में एक मासूम बच्ची पर आधा दर्जन कुत्तों ने हमला कर दिया। गली में खेल रही मासूम के सिर, गले और हाथों पर कुत्तों ने गहरे जख्म दिए। हमले में बच्ची को गंभीर चोटें आईं और डाक्टरों को उसके सिर पर 24 टांके लगाने पड़े। बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बच्ची के पिता गुलाम मुस्तफा ने बताया कि वे गाजी नगर में परिवार सहित रहते हैं और पेशे से आटो चालक हैं। उनकी दो साल की बेटी अनाया शनिवार शाम घर के बाहर गली में निकली, तभी पांच से छह कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। कुत्तों के काटने और नाखून मारने से बच्ची के सिर की दो जगह से मांस तक उधड़ गया। बच्ची के शरीर में पांच जगह गहरे घाव मिले हैं। घटना से परिवार और आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है।
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि बीरगांव के लगभग सभी वार्डों में आवारा कुत्तों का आतंक बना हुआ है। रात में गलियों और सड़कों पर निकलना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कुत्तों के झुंड लोगों का पीछा करते हैं और कई बार उन पर हमला भी कर देते हैं। वहीं, निगम के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास न तो कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी करने की व्यवस्था है, न ही सरकारी अस्पताल में समय पर इंजेक्शन उपलब्ध रहते हैं। कुत्तों के काटने के बाद लोग इंजेक्शन की तलाश में रायपुर भागते हैं। इससे पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है।
कुत्तों के काटने की घटनाओं का अंदाजा वैक्सीनेशन के आंकड़ों से लगाया जा सकता है। केवल रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में जनवरी से जुलाई तक 1700 से अधिक 0 से 14 साल तक के बच्चों को रेबीज वैक्सीन लगाई गई है। वहीं, 14 साल से अधिक उम्र वालों में 2515 से ज्यादा लोगों को इंजेक्शन दिया गया। जनवरी से जुलाई तक हर महीने औसतन 250 से 400 केस अस्पताल पहुंचे हैं।
बीरगांव नगर निगम आयुक्त युगल किशोर उर्वाशा का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने की सुविधा निगम के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि घटनाएं गंभीर हैं और जल्द ही जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल निगम केवल वादों तक ही सीमित है और लोग रोजाना कुत्तों के हमलों से जूझ रहे हैं।