नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राजधानी रायपुर में सार्वजनिक शौचालय सुविधाओं (Smart Toilet) की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पहले से ही शहर के 32 ई-टायलेट (e-toilet) बंद पड़े थे और अब प्रमुख स्थानों पर स्थापित 13 स्मार्ट टायलेटों में भी ताले जड़ दिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस स्थिति की मुख्य वजह टायलेटों का संचालन व संधारण करने वाली एजेंसी पर हुई कार्रवाई है। दरअसल नगर निगम की ओर से ग्रेसफुल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी के खिलाफ टेंडर रद्द करने की कार्रवाई की गई है।
नगर निगम ने रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के तहत डिवाइडरों पर 79 और स्मार्ट टायलेट के पास 36 यूनिपोल लगाने का ठेका कंपनी को दिया था। इन विज्ञापनों से होने वाली आय से एजेंसी को स्मार्ट टायलेट का संचालन व रखरखाव करना था। लेकिन कंपनी ने वित्तीय दायित्वों का पालन नहीं किया और लगभग 27 करोड़ रुपये के दिए गए चेक लगातार बाउंस होते रहे। इसके बाद निगम ने अंतिम नोटिस जारी कर फरवरी माह में कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया और उसकी सभी विज्ञापन संपत्तियों को राजसात करने का निर्णय लिया। साथ ही संबंधित निविदाएं भी रद्द कर दी गईं, जिसके परिणामस्वरूप स्मार्ट टायलेट बंद हो गए।
कंपनी ने लाखों रुपये के बिजली बिल का भी भुगतान नहीं किया। शास्त्री बाजार सब्जी मंडी स्थित ई-टायलेट का ही करीब 53 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया है। दो महीने से यहां ताला लगा हुआ है, जबकि इस इलाके में प्रतिदिन 10 से 15 हजार लोगों का आवागमन होता है। यह स्मार्ट टायलेट क्षेत्र का एकमात्र सार्वजनिक सुविधा केंद्र था, जिसमें पुरुष और महिला दोनों के लिए अलग-अलग प्रावधान थे।
सुविधा बंद होने के बाद लोग मजबूरी में स्मार्ट टायलेट के पीछे खुले में शौच कर रहे हैं, जिससे इलाके में गंदगी और दुर्गंध फैल गई है। आसपास दुकान लगाने वाले व्यापारी बताते हैं कि वे खुद टायलेट के लिए परेशान हैं, साथ ही ग्राहकों द्वारा दुकानों के पीछे टायलेट करने से माहौल अस्वच्छ हो गया है।
नगर निगम ने एजेंसी पर कार्रवाई तो कर दी, लेकिन इसके बाद सार्वजनिक सुविधा को सुचारू रखने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। कोर्ट परिसर में मौजूद स्मार्ट टायलेट का भी कुछ समय पहले ऐसा ही हाल हुआ था, जहां बिजली बिल बकाया रहने के कारण कनेक्शन काट दिया गया था। हालांकि, वहां जोन अधिकारियों ने स्वयं बिजली बिल का भुगतान कर सेवा बहाल कर दी थी, लेकिन शास्त्री बाजार और अन्य क्षेत्रों में ऐसा कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोग और व्यापारी मांग कर रहे हैं कि नगर निगम तुरंत बंद पड़े टायलेटों को फिर से चालू करने की व्यवस्था करे। उनका कहना है कि शहर में स्वच्छता और सार्वजनिक सुविधा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि इन स्मार्ट और ई-टायलेट का संचालन बिना बाधा जारी रहे, वरना खुले में शौच की समस्या और बढ़ेगी। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के प्रयासों पर पानी फिर जाएगा।
आयुक्त, नगर निगम रायपुर विश्वदीप ने कहा कि स्मार्ट टायलेट के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जल्द ही परेशानियों को दूर कर सेवा बहाल कर दी जाएगी।
ये भी पढ़ें: मामूली बात पर हुआ झगड़ा, तीन युवकों की चाकू गोदकर बेहरमी से हत्या