नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी की स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। माना-टेमरी चौक पर हुए सड़क हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। लेकिन न तो समय पर 108 एंबुलेंस पहुंची और न ही पुलिस की ओर से कोई मदद मिली। करीब 40 मिनट तक युवक सड़क पर तड़पता रहा।
हालत बिगड़ने पर स्थानीय लोगों ने आटो से घायल को अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे के तुरंत बाद 108 नंबर पर काल किया गया। काल सेंटर से एंबुलेंस भेजने की बात कही गई, लेकिन आधे घंटे तक कोई वाहन मौके पर नहीं पहुंचा। मजबूरी में स्थानीय लोगों ने घायल युवक को ऑटो में बैठाकर पहले माना स्थित सिविल अस्पताल पहुंचाया। यहां से उसे हालत गंभीर होने पर मेकाहारा रेफर किया गया। लेकिन वहां भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। आखिरकार उसी ऑटो में मरीज को मेकाहारा ले जाना पड़ा।
इस हादसे की सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि दुर्घटना माना थाने के ठीक सामने हुई। मदद करने वाले युवक गणेश ने बताया कि पुलिस की गाड़ी वहीं खड़ी थी, लेकिन किसी ने न तो घटनास्थल का निरीक्षण किया और न ही मदद की।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब 108 पर दोबारा संपर्क किया गया तो टीम ने माना कि क्षेत्र में फिलहाल केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध है, इसलिए देरी हुई। इस खुलासे ने राजधानी की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है।
सिविल अस्पताल के डाक्टर ने बताया,मरीज को हेड इंजरी है। हमारे यहां जितनी सुविधा थी, उसी हिसाब से प्राथमिक इलाज किया गया। बेहतर जांच और उपचार के लिए मेकाहारा रेफर किया गया है।
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