नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में संलिप्त 29 आबकारी अधिकारियों को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है। सभी अफसर एसीबी/ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में अपने वकीलों के साथ पेश होंगे। इस दौरान अधिकारियों के खिलाफ शराब घोटाले का पांचवां पूरक चालान पेश किया गया।
जानकारी के अनुसार, 18 अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने अभियोजन की अनुमति मांगी थी। जिसे विधि विभाग ने 20 मई को मंजूरी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अंतिम स्वीकृति मिलते ही कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो गई। घोटाले में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, कवासी लखमा, जनार्दन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा सहित 40 से अधिक अफसर, कारोबारी और निजी कंपनियां आरोपी हैं।
शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आरोपित बनाए गए तीन प्रमुख डिस्टलरी कंपनियों के संचालकों की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी। रायपुर स्थित ईडी की विशेष अदालत में भाटिया वाइन मर्चेंट प्रा.लि. छत्तीसगढ़ डिस्टलरी प्रा.लि. और वेलकम डिस्टलरी प्रा.लि. के प्रतिनिधियों की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में रायपुर जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर के आवेदन पर चार डिस्टलरियों समेत आठ फर्म और कंपनियों को आरोपी बनाने का आदेश सुनाया गया है। इस मामले में शनिवार को कोर्ट में इसका फैसला होना है। याचिकाकर्ता अनवर ढेबर ने इस घोटाले में कोर्ट से शराब निर्माता कंपनियों के मालिकों को आरोपी बनाने की मांग की थी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने अपनी चार्जशीट दायर की है। जिसमें बताया है कि घोटाले में 1200 करोड़ रुपये की राशि शराब निर्माण कंपनियों ने कमाए हैं। भाटिया वाइन एंड मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज, वेलकम डिस्टलरीज, मेसर्स नेक्स्ट जेन, दिशिता उद्यम, ओम सांई वेबरेज, सिद्धार्थ सिंघानिया और मेसर्स टॉप सिक्यूरिटी यह सभी कपनियां घोटाले से जुड़ी हुई हैं।