
राज्य ब्यूरो, रायपुर। राज्य सरकार सरकारी भूमि से कब्जा हटाने की प्रक्रिया को प्रभावी और सख्त करने जा रही है। इसके लिए छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को रविवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी।
इस विधेयक को बजट सत्र के दौरान पेश करके पास कराने की तैयारी है। इसी तरह चार नए संशोधन विधेयक विधानसभा में लाए जाएंगे। कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 को मंजूरी दे दी। यह नीति वर्ष 2024-25 की तरह ही लागू रहेगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 674 मदिरा दुकानें तथा प्रीमियम मदिरा दुकानों के संचालन को यथावत रखने का निर्णय लिया गया।
इसके साथ ही देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत रेट ऑफर के तहत होगी और विदेशी मदिरा का थोक क्रय व वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत रहेगा, लेकिन विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर लगने वाला 9.5 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
व्यापारिक सुगमता को बढ़ावा देने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में 100 करोड़ रुपये से ऊपर की परियोजनाओं को पीएफआईसी द्वारा स्वीकृत किया जाता है और बड़ी आईटी परियोजनाओं की सशक्त समिति के माध्यम से अलग से मंजूरी अनिवार्य थी। इस कारण सशक्त समिति को समाप्त कर मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया।

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 को मंजूरी दी। इसमें कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन शामिल है। इससे दोनों के हितों की रक्षा की जाएगी।
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप-पंजीयक के नौ रिक्त पदों की पूर्ति के लिए एक बार के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में छूट देने का निर्णय लिया गया। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
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छत्तीसगढ़ में एक नवंबर 2024 से लागू औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन भंडार क्रय नियम-2002 में संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इससे उद्योग जगत बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के त्वरित निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए एक नए सदस्य पद का सृजन करने का निर्णय लिया गया।
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खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य योजना में धान और चावल के परिवहन दरों को स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। इससे किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी।