परितोष दुबे, नईदुनिया, रायपुर: राजधानी की 130 बस्तियों में से 56 में ईसाई मिशनरियों का मतांतरण का जाल फैल चुका है। इन बस्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मतांतरित करने के प्रयास तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सेवा इकाई ने संस्कार केंद्रों की स्थापना की है, जो लोगों को अपने धर्म में बने रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में गुढ़ियारी इलाके के वार्ड-15 में बुधवार रात को मतांतरण के आरोप में हंगामा हुआ। बजरंग दल का आरोप है कि यहां 70 लोगों का मतांतरण किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन पूछताछ के बाद सभी को गुरुवार सुबह छोड़ दिया गया। इस घटना के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
संघ के सूत्रों के अनुसार, राजधानी की बस्तियों में ईसाई मिशनरियां लंबे समय से सक्रिय हैं और पिछले कुछ वर्षों में मतांतरण के मामले बढ़े हैं। संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि मिशनरियों से जुड़े पास्टर आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाते हैं।
वे आर्थिक प्रलोभन देकर लोगों को अपने धर्म से भटकाते हैं। इसके जवाब में संघ की ओर से इन 56 बस्तियों में खोले गए संस्कार केंद्रों में मतांतरित लोगों से संवाद किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि मतांतरण का सबसे बड़ा हथियार पैसों का लेनदेन है।
संस्कार केंद्रों के द्वारा प्रलोभन या दबाव के कारण मतांतरित हुए लोगों की वापसी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। वर्तमान में राजधानी की 56 बस्तियों में संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
- गोविंद बसाने, सेवा प्रमुख महानगर
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खालबाड़ा, कलिंग नगर, नहरपारा, आदर्श नगर, सतनामी पारा, बौद्ध विहार, गोगांव, श्रीनगर, खमतराई, देवेन्द्र नगर, कोटा विद्यापीठ के सामने बीएसपी कालोनी, दिशा कालेज के पास अशोक नगर, टिकरापारा, सिद्धार्थ चौक, आमापारा, बैरनबाजार, सुंदरापारा और सरोरा शामिल हैं।