नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम रायपुर में वर्ष 2009-10 के दौरान मुद्रण कार्य में नियमों और निविदा की शर्तों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किए जाने के मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने चार्जशीट पेश किया है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में 31 जुलाई को विशेष न्यायालय रायपुर में लगभग 2000 पृष्ठों का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है।
जानकारी के अनुसार, एमजीएमएल कक्षा 3 से 4 के गणित व पर्यावरण विषय की किताबों के मुद्रण में नियमों के विपरीत 5,87,04,640 रुपए का भुगतान मुद्रकों को किया गया। जबकि निगम द्वारा निर्धारित भुगतान राशि 1,83,95,440 रुपए ही थी। इस तरह अधिकारियों द्वारा 4,03,09,200 रुपए की अधिक राशि का भुगतान कर मसीस प्रभा एंड कंपनी रायपुर एवं मसीस छत्तीसगढ़ पैकेजर्स मिलाई को लाभ पहुंचाया गया।
इस राशि में सेवार्थ 5% और टीडीएस 2% की कटौती के उपरांत 3,61,99,875 रुपए का वास्तविक लाभ कंपनियों को दिया गया, जिसे ईओडब्ल्यू ने स्पष्ट रूप से अवैध लाभ माना है। इस मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा, उप प्रबंधक संजय पिल्ले, तकनीशियन नंद गुप्ता, मसीस प्रभा एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के युगबोध अग्रवाल, मसीस छ.ग. पैकेजर्स प्राइवेट लिमिटेड समेत कुल 4 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है।
मामले के एक अन्य आरोपी जोसेफ मिंज (सेवानिवृत्त प्रबंधक संचालन) के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति की प्रक्रिया जारी है। स्वीकृति प्राप्त होते ही उनके खिलाफ भी धारा 173(8) के तहत चालान प्रस्तुत किया जाएगा।
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