आम लोगों के लिए अच्छी खबर, छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 साल बाद संपत्ति गाइडलाइन बदली
छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति के गाइडलाइन निर्धारण संबंधी नियमों में 25 साल बाद सुधार करते हुए नए नियम जारी किए हैं। अब रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाएगी, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी।
Publish Date: Sun, 09 Nov 2025 07:45:12 AM (IST)
Updated Date: Sun, 09 Nov 2025 07:50:57 AM (IST)
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय। आर्काइवHighLights
- अब रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाएगी
- बाजार मूल्य गणना संबंधी उपबंध 2025 लागू
- CM के मार्गदर्शन में पंजीयन मंत्री ने निर्णय लिया
राज्य ब्यूरो, रायपुर, नईदुनिया : राज्य सरकार ने संपत्ति के गाइडलाइन निर्धारण संबंधी नियमों में 25 साल बाद सुधार करते हुए नए नियम जारी किए हैं। अब रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो जाएगी, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। पुराने नियमों की जटिलताओं और विसंगतियों को खत्म करने के लिए ‘बाजार मूल्य गणना संबंधी उपबंध 2025’ लागू किए गए हैं।
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य नियमों को सरल बनाना, मानवीय हस्तक्षेप को कम करना और पूरी प्रक्रिया को साफ्टवेयर-आधारित एवं निष्पक्ष बनाना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने ये निर्णय लिया है।
आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ
नए उपबंधों से जनता को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेंगे। अब किसी भी नए मोहल्ला, कालोनी या परियोजना के विकसित होने पर गाइडलाइन पुनरीक्षण की प्रतीक्षा किए बिना विशेष रूप से गाइडलाइन दर का निर्धारण किया जा सकेगा।
एक समान मूल्यांकन मानक
कृषि, डायवर्टेड, नजूल एवं आबादी भूमि के लिए अब एक समान मूल्यांकन मानक लागू होगा। नजूल या डायवर्टेड भूमि होने मात्र से अब संपत्ति के बाजार मूल्य नहीं बढ़ेंगे। नगर निगम, पालिका, पंचायत में कृषि, नजूल, डायवर्टेड भूमि के लिए सभी वर्ग के नगरों एवं भूमि के लिए अब एक ही प्रकार का प्रविधान होगा।
ऐसे समझें नई गाइडलाइन के गणना का प्रविधान
हेक्टेयर दर सीमा, के अलावा निर्मित संरचना पर केवल 8 दरें, सिंचित/असिंचित अंतर, जमीन का आकार, मुख्य मार्ग की परिभाषा, वाणिज्यिक/औद्योगिक दर, मूल्य में अनावश्यक वृद्धि समाप्त, भ्रम और त्रुटियां खत्म होने जैसी बातें शामिल हैं। पहले लगभग 77 जटिल प्रविधान थे, जिसे घटाकर केवल 14 सरल प्रविधान किया गया है।
मूल्यांकन पद्धति
नलकूप, सिंचित, दो फसली, गैर परंपरागत फसल का अलग-अलग मूल्य जुड़ता था जो कि जटिल है। अब एकीकृत मूल्यांकन में किसी एक कारक के लिए अलग-अलग मूल्य गणना नहीं होगी।