भ्रष्टाचार के विरुद्ध आर-पार… एक साल की साय सरकार में हर महीने 5 भ्रष्टाचारी गए जेल, अब बनेगा आयोग
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ की साय सरकार जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपना रही है। ऐसे मामलों में शिकायत को हल करने और उसकी निगरानी के लिए वेब पोर्टल बनाया जा रहा है। मोदी की गारंटी वाले संकल्प पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग गठित करने की घोषणा भी हुई थी।
Publish Date: Fri, 13 Dec 2024 06:19:37 PM (IST)
Updated Date: Fri, 13 Dec 2024 06:19:37 PM (IST)
सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग का गठन करने की तैयारी कर रही है।HighLights
- पिछले 12 महीने में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 35 अलग-अलग मामलों में की कार्रवाई।
- 60 आरोपितों को भेजा गया जेल, जिनमें बाबू से लेकर अफसर तक रहे हैं शामिल।
- मुख्यमंत्री कार्यालय में सेल बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की तैयारी।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। पिछले 12 महीने में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 35 अलग-अलग मामलों में 60 आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें बाबू से लेकर अफसर तक शामिल हैं।
सरकार की स्पष्ट नीतियों, फैसले और पारदर्शी निर्णयों से जनता के पैसों का दुरुपयोग करने वाले अब जेल की हवा खा रहे हैं। सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग का गठन करने की तैयारी कर रही है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग बनाकर शिकायतों के निवारण और निगरानी करने की घोषणा की थी।
मोदी की गारंटी वाले संकल्प पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग गठित करने की घोषणा भी हुई थी। इसके अलावा शिकायत निवारण व निगरानी के लिए वेब पोर्टल का सृजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में सेल का गठन करके भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की तैयारी है।
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भ्रष्टाचारियों के हौसले पस्त
भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या माना जाता है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक उपाय भी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के सबसे आम कृत्यों में किसी न किसी रूप में रिश्वतखोरी शामिल है। रिश्वत में किसी तरह के व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुचित एहसान और उपहारों का इस्तेमाल शामिल है।
पूर्व सरकार के द्वारा सीएसआईडीसी के जेम पोर्टल पर लगी रोक को इस सरकार ने हटा दिया। जैम के माध्यम से फिर से खरीदी व्यवस्था को लागू कर दिया। दावा है कि जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी सामग्री की खरीदी आसानी से होने के साथ-साथ गुणवत्ता में वृद्धि और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
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घोटालों पर सरकार की सख्ती
- शराब घोटाला- वर्ष 2019 से 2022 तक 2,161 करोड़ के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई कर कईयों को सलाखों के पीछे भेज दिया है।
- डीएमएफ घोटाला- जिला खनिज न्यास मद घोटाले के मामले में दोषी को उनकी कारगुजारियों को जेल में डाला जा चुका है।
- सीजीपीएससी भर्ती घोटाला- राज्य सेवा परीक्षा में व्यापक स्तर पर हुई गड़बड़ियों पर सीबीआइ जांच चल रही है। जांच कराई।
- कोयला घोटाला- कोयला परिवहन पर 25 रुपये की अवैध उगाही कर 540 करोड़ रुपये कोयला घोटाले में भी प्रवर्तन निदेशालय ने नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों को जेल भेज दिया।
- आरटीई घोटाला- शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी आरटीई में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर एफआइआर के निर्देश दिए गए हैं।
- महादेव एप घोटाला- 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बताए जा रहे महादेव एप घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
- जमीन घोटाला- जमीन खरीदी-बिक्री में व्याप्त अनियमितताओं और धोखाधड़ी पर जांच चल रही है। इसे रोकने के लिए सुगम एप लांच किया है।