Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बोले- अब हम गोबर से बिजली बनाएंगे, दो उद्यमियों ने दी सहमति
Chhattisgarh News: सीएम भूपेश बघेल ने कहा- निर्यात में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी के लिए एयर कार्गाे की सुविधा जरूरी।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Tue, 21 Sep 2021 04:39:34 PM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Sep 2021 06:04:03 PM (IST)

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन और सभी खनिज प्रचुर मात्रा में हैं। यहां उद्योग और व्यापार की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। छत्तीसगढ़ राज्य देश के निर्यात में अहम रोल अदा कर सकता है। लैंडलाक प्रदेश होने के चलते यहां के उत्पाद को बाहर भेजने के लिए एयर कार्गाे की सुविधा जरूरी है। भारत सरकार से एयर कार्गो की सुविधा के लिए लगातार हम आग्रह कर रहे हैं, ताकि यहां के उत्पाद को निर्यात करने में आसानी हो। यह बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को राजधानी रायपुर में वाणिज्य उत्सव का शुभारंभ अवसर पर कही।
उन्हाेंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की सुराजी गांव योजना के तहत गोठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इससे तैयार होने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से राज्य में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिला है। सीएम भूपेश ने कहा कि हम अब गोबर से बिजली बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दो उद्यमियों ने गोबर से विद्युत उत्पादन के लिए सहमति दी है।
छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 का उल्लेख करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि हमने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को कई तरह की सहूलियत देने का प्रविधान किया है, जिससे राज्य में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण हुआ है। औद्योगिक संस्थानों एवं उद्यमियों से 140 एमओयू हुए हैं, जिसमें 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार हरसंभव मदद दे रही है। उन्होंने कहा कि देश के 700 बिलियन यूएस डालर के निर्यात में छत्तीसगढ़ भी अपनी बेहतर भागीदारी निभा सके, इसके लिए जरूरी है कि लघु वनोपज के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही एयर कार्गाे की सुविधा उपलब्ध हो। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बाम्बू द ग्रीन गोल्ड पुस्तक का विमोचन किया।
सीएम भूपेश ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन की कोई कमी नहीं है। धान का कटोरा होने के साथ-साथ देश का 74 फीसद से अधिक वनोपज छत्तीसगढ़ में संग्रहित होता है। यहां प्रचुर मात्रा में वनौषधियां विद्यमान है। इनकी प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से उद्योग, व्यापार और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान देश की आजादी के लिए सब कुछ कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश के नव-निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का बड़ा योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 1955-56 में भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना हुई, जो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना। देश में दलहन, तिलहन को छोड़ दिया जाए, तो जरूरत से ज्यादा खाद्यान्न होनेसे किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम नहीं मिल पा रहा है।
कार्यक्रम को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा के साथ ही वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के ओएसडी विकास चौबे, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ ने भी संबोधित किया। पिंगुआ ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्यात इस वर्ष 17,200 करोड़ रुपये हो गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान से एथेनाल बनाए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से सिर्फ अनुमति न मिलने की वजह से यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अनुमति दे दे तो इससे राज्य के सरप्लस धान का उपयोग हो सकेगा। पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा बचेगी। किसानों को धान का बेहतर मूल्य मिलेगा। राज्य में उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।