
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: राज्य सरकार ने स्कूलों में पहले चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी। भर्ती को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके पहले राज्य सरकार ने स्कूलों व शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। बता दें कि, इसके पूरा होने के बाद शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन कर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बता दें कि, शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाने की पहल के तहत राज्य सरकार द्वारा शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों और शिक्षकों की व्यवस्था को इस तरह से सुधारना कि सभी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित हो और कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के न रहे।
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि जो प्रदेश में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। यानी छात्रों की दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षक कम हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के स्कूलों में शिक्षक के 60 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।
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शिक्षा विभाग के अनुसार युक्तियुक्तकरण के तहत कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 का समायोजन होगा। इनमें से ग्रामीण इलाकों के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है।
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साथ ही उन्होंने कहा कि "हमारी नीतियां जमीन पर दिखें, यही करने की अपनी कोशिश रही है। अभियान के दौरान हमने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण जैसा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया जिसका असर आने वाले समय में प्रदेश के भविष्य पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा। हमने शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती का भी निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की भर्ती करेंगे।"