नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राज्य में 72 घंटों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पाली, मस्तूरी, बिल्हा, मुंगेली, तोकापाल, बस्तर, राजनांदगांव और रायपुर समेत कई इलाकों में लगातार बारिश से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है, वहीं कुछ स्थानों पर नदी-नाले उफान पर हैं।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय परिसंचरण और निम्न दबाव के क्षेत्र का असर अब उत्तर छत्तीसगढ़ व मध्य छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुका है। इसके प्रभाव से बीते तीन दिनों में पाली में करीब 300 मिमी, बेलगहना में 220 मिमी, मस्तूरी में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
पांच जुलाई से शुरू हुआ यह बारिश का सिलसिला अब तक थमा नहीं है। दिन और रात में अलग-अलग समय पर बारिश होती रही है। 24 घंटों में भी पाली में 260 मिमी, बेलगहना में 160 मिमी, मस्तूरी में 140 मिमी, मुंगेली में 120 मिमी, रतनपुर में 100 मिमी और रायपुर में 70 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं, जबकि ग्रामीण अंचलों में खेतों में पानी भर गया है। कई जगहों पर ग्रामीण पुल-पुलियाएं जलमग्न है।
रायगढ़, बिलासपुर, मुंगेली, बेमेतरा, दुर्ग और बस्तर संभाग के कई इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। बस्तर में इंद्रावती और बिलासपुर क्षेत्र में अरपा नदी का जलस्तर बढ़ा है। आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। तहसीलों को सतर्क रहने व ग्रामीण इलाकों में निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
नौ जुलाई तक प्रदेश में व्यापक बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दुर्ग, बस्तर और बिलासपुर संभाग में एक-दो स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। नौ जुलाई के बाद बारिश की तीव्रता में आंशिक कमी आने की उम्मीद है, लेकिन गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ती रहेंगी।
राजधानी रायपुर में सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह हुई बारिश के चलते कई क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी। सड़कों पर कीचड़ और जलभराव से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। राजेंद्र नगर, सड्डू, तेलीबांधा, देवेंद्र नगर और टिकरापारा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है।