राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार तड़के रायपुर के जवाहरनगर में एक बड़े बिल्डर, बिलासपुर में मीनाक्षी ट्रेडर्स, सुल्तानिया ग्रुप के संचालक सुल्तानिया ब्रदर्स और धमतरी में चावल कारोबारी के ठिकाने पर दबिश दी। तीनों जगहों पर दस्तावेजों की छानबीन दिनभर चली।
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार कस्टम मिलिंग व कोल लेवी घोटाले में मनी लाड्रिंग और वित्तीय लेन-देन के सिलसिले में यह छापेमारी की गई है। रायपुर में रियल एस्टेट में सक्रिय समूह पर जांच एजेंसी को हवाला के जरिए और घोटाले की रकम को खपाने का इनपुट मिला था। समूह के संचालकों समेत अन्य से ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ की है।
बिलासपुर के क्रांतिनगर में सुल्तानिया परिवार के कारोबारी कोयला घोटाले के मुख्य आरोपित सूर्यकांत तिवारी से कनेक्शन जुड़े निकले है। बिलासपुर में सुल्तानिया परिवार के मकान महावीर नगर मंगला चौक के पास भी स्थित हैं। लेकिन वहां ईडी की टीम नहीं पहुंची। छापेमारी फिलहाल केवल क्रांति नगर स्थित घरों और ठिकानों तक सीमित रही।
बता दें कि मीनाक्षी सेल्स, सुल्तानिया ग्रुप का कारोबार कोयला, सीमेंट, छड़, स्टील और अन्य ट्रेडिंग से जुड़ा हुआ है। छापे की कार्रवाई के चलते इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। जवानों ने चारों तरफ से घर व दफ्तर को घेरकर रखा था। ईडी की टीम ने तीनों ठिकानों पर रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट और वित्तीय दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने के साथ ही कुछ दस्तावेज साथ लेकर निकली।
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सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी वित्तीय लेन-देन और संभावित कोयला कारोबार से जुड़ी गड़बड़ियों के सुरागों पर केंद्रित है। हालांकि,रायपुर ईडी ने अभी तक इस कार्रवाई से जुड़ा कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है इसी तरह, सुल्तानिया परिवार या मीनाक्षी ट्रेडर्स की ओर से भी किसी तरह की टिप्पणी सामने नहीं आई है।
25 जुलाई 2025 को 140 करोड़ की कस्टम मिलिंग घोटाले में सेवानिवृत्त आइएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर से ईओडब्ल्यू ने पूछताछ की थी। 2700 मिलर्स से लेवी वसूली मामले में 3500 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया जा चुका है। ईओडब्ल्यू दूसरा चालान जल्द पेश करने की तैयारी में है। जांच एजेंसी के मुताबिक मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ने 33 जिलों से वसूली का जिम्मा अनवर ढेबर को दिया था।
वहीं अनवर ने शराब दुकान के लिए प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले सिद्धार्थ सिंघानियां को पैसे वसूलने की जिम्मेदारी दी थी। सिद्धार्थ ने शराब दुकान के कर्मचारियों के माध्यम से कमीशन की वसूली कर पैसा अनिल टुटेजा के पास पहुंचाया। टुटेजा के माध्यम से मनोज और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचा। घोटाले के सिंडिकेट ने प्रति-क्विंटल 20 रुपए 'कट' फिक्स किया था। इसमें मनोज सोनी सिंडिकेट ऑपरेट करता था। अनवर ढेबर के ऑर्डर पर 33 जिलों में वसूली हुई, जबकि रामगोपाल अग्रवाल के पास पैसा स्टोर होता था।
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वर्ष 2023 में ईडी को शिकायत मिली थी कि छत्तीसगढ़ में बड़ी तादाद में कस्टम मिलिंग घोटाला हुआ है। इसके बाद अक्टूबर 2023 में ईडी की टीम ने मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी के खुशी वाटिका स्थित घर और प्रदेश के कुछ राइस मिलर्स के ठिकानों पर दबिश दी। इस दौरान दो दिन की जांच के बाद ईडी ने राजफाश किया कि मनोज सोनी ने करोड़ों की रिश्वत ली है। मार्कफेड के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग का भुगतान करने के नाम पर 140 करोड़ से ज्यादा की वसूली की थी।