जितेंद्र सिंह दहिया | नईदुनिया, रायपुर: राजधानी के आउटर और शहरी क्षेत्र में नालों पर अतिक्रमण(Encroachment on drains) तेजी से बढ़ रहा है। नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में छोटे-बड़े कुल 210 से अधिक नाले हैं, जिनकी कुल लंबाई 1,092 किमी है। इनमें से करीब 450 किमी हिस्से पर कब्जा हो चुका है।
शहर के आउटर क्षेत्र में मोवा, कचना, टाटीबंध, सरोना, दलदल सिवनी, वीआईपी रोड, सड्डू के आसपास कॉलोनियों, गोदामों और होटलों के निर्माण के लिए नालों को पाट(Illegal construction on drains Raipur) दिया गया है। नालों की चौड़ाई जहां 100 फीट थी, वह कई जगहों पर घटकर 10 से तीन फीट तक रह गई है। निगम के 10 जोनों में 175 से ज्यादा बड़े कब्जे चिन्हित हो चुके हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
नालों पर कांप्लेक्स और दुकानें
शास्त्री बाजार में नाले के ऊपर कांप्लेक्स और दुकानें बना दी गई हैं, जिससे नाले का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। गोरखा कॉलोनी, शांति नगर और लाल बहादुर शास्त्री वार्ड जैसे इलाकों में तो नाले अब घर और दुकान बन चुके हैं। नाले संकरे होने से जल निकासी की समस्या बढ़ रही है। बारिश में जलभराव आम हो गया है, पर फिर भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।
नाला पाटकर बनी सड़क
सरोरा में रिंग रोड नंबर पांच में धनेली-टांटीबंध बायपास रोड में अवैध कमर्शियल प्लाटिंग के लिए एक जीवित नाले को पाटकर 60 फीट चौड़ी सड़क बना दी गई है। सरोरा पटवारी हल्का नंबर 0089 के खसरा नंबर 47 के नाले पर 1.6020 हेक्टेयर क्षेत्र में कब्जा कर प्लाटिंग की जा रही है। नाला खसरा नंबर 46/11क, 46/49, 46/14डी और 46/14एच से होकर गुजरता था, जिसका अस्तित्व ही मिटा दिया गया है।
जारी कर दिया ले-आउट
वीआईपी रोड से लगे ग्राम टेमरी में मामला खसरा क्रमांक 375/5 (शामिल 375/15) से जुड़ा है। इस भूमि पर पहले से नहर दर्ज है, लेकिन राजस्व नक्शे में व्हाइटनर लगाकर नहर को मिटा दिया गया और वहां सड़क दिखा दी गई। इसी फर्जी नक्शे के आधार पर एनआरडीए ने भी एनओसी जारी कर दी। अब तेजी से निर्माण जारी है।
अवैध कब्जे का असर:
- सड्डू में बारिश में बस्तियों, कॉलोनियों और सड़कों में एक-एक फीट पानी भरता है।
- मालवीय रोड पर पाटों के कारण सफाई नहीं हो रही। जलभराव होता है।
- वीआईपी रोड पर नालों को संकरा करने से विधायक कॉलोनी में पानी घुसता है।
- राजातालाब, पंडरी इलाके में भी कब्जों से जलभराव होता है।
हर जोन में नालों पर कब्जे, पर कार्रवाई नहीं
- नगर निगम के सभी 10 जोन में 175 से ज्यादा बड़े कब्जे हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है। इसके बाद भी निगम तोड़ नहीं पा रहा है।
- जयस्तंभ के पास गणेशराम नगर में नाले पर 18 अवैध कब्जे हैं। मल्टीलेवल पार्किंग के पीछे नाले पर स्लैब डाल दिया गया है।
- राजातालाब से गुजरने वाला 100 फीट चौड़ा अरमान नाला सिमटकर अब कहीं छह से आठ और कहीं तीन फीट का रह गया है।
- लाल बहादुर शास्त्री वार्ड में नाले की जमीन पर 100 से अधिक दुकान व घर हैं। यहां का नाला अब तीन फीट की नाली बन गई है।
- भाठागांव, अमलीडीह, सरोना, चंगोराभाठा, दलदल सिवनी में नालों को संकरा करने के साथ दिशा भी बदल दी गई है।
- शंकर नगर की गोरखा कॉलोनी और शांति नगर में नालों पर घर बना लिए गए हैं, जिसकी शिकायत नगर निगम में की गई है।
- शास्त्री बाजार में नाले पर कांप्लेक्स और दुकानें बना दी गई हैं। पता ही नहीं चलता कि यहां नाला है। सफाई नहीं हो पा रही है।
- नहरपारा रोड नगर निगम जोन कार्यालय के सामने 100 फीट के नाले को पाट कर 20 फीट कर दिया गया। बोर्ड लगा है कि यह जमीन बिकाऊ है।
- कचना इलाके में 100 फीट का नाला अब 10 फीट की नाली बनकर रह गया। दोनों तरफ कब्जे। अभी भी एक बिल्डर इसे डायवर्ट और संकरा कर रहा है।
नगर निगम का दावा:
विश्वदीप, आयुक्त, नगर निगम रायपुर का कहना है कि "चिन्हित किए गए अतिक्रमण वाले नालों से कब्जे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जहां पूर्व में कार्रवाई हुई थी, यदि उन जगहों पर फिर से निर्माण हुआ है तो कब्जाधारियों पर फिर कार्रवाई कर उनको हटाया जाएगा।"
सालों बाद भी नहीं हटा कब्जा
रायपुर के अमलीडीह में नहर और नाले पर रसूखदारों ने कब्जा कर लिया है। कलेक्टर की रिपोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अमलीडीह में सिंचाई सुविधा के लिए बनाई गई 40 फीट चौड़ी नहर की 35 फीट जमीन पर बिल्डरों ने दीवार खड़ी कर निर्माण कर दिया। एक नाले के करीब 17 हजार वर्गफीट जमीन पाटकर दुकानें और मकान बना लिए गए हैं। रायपुर कलेक्टर ने 2006 में ही निगम को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।