राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार का मंत्रिमंडल बुधवार को विस्तारित होगा। तीन नए चेहरों को मंत्री पद देकर भाजपा जातीय और राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश में है। ये विस्तार बिहार के विधानसभा चुनाव को भी साधेगा। दरअसल, इसमें अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और वैश्य समाज से प्रतिनिधियों को शामिल किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में यादव समाज से डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भाजपा ने बिहार चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में भी ओबीसी व यादव समाज से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाने का निर्णय लिया है। 2023 की जाति आधारित गणना में बिहार में यादव जाति की आबादी राज्य-स्तरीय 14.26 प्रतिशत है।
एससी वर्ग को साधने के लिए आरंग से विधायक गुरु खुशवंत साहेब और अंबिकापुर से विधायक व वैश्य समाज के राजेश अग्रवाल शपथ लेंगे। समारोह सुबह 10:30 बजे राजभवन के दरबार हाल में होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इंतजार की घड़ियां समाप्त हो चुकी हैं। बुधवार को तीन नए मंत्री शपथ लेंगे।
फिलहाल साय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री हैं। केवल दो पद रिक्त थे, लेकिन हरियाणा फार्मूले के आधार पर इस बार तीन नेताओं को शामिल किया जाएगा। इस विस्तार के बाद छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में कुल 14 मंत्री हो जाएंगे। ये पहली दफा होगा जब प्रदेश में 14वां मंत्री भी होगा। अभी तक 90 सीट वाली विधानसभा में 15 प्रतिशत सदस्यों को मंत्री बनाए जाने के नियमों के कारण मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री ही बनाए जाते रहे हैं।
गजेंद्र यादव (दुर्ग शहर विधायक): आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले गजेंद्र यादव को मंत्री बनाना भाजपा की रणनीतिक रणनीति है। वे पूर्व प्रांत संघचालक बिसराराम यादव के पुत्र हैं। पहली बार मंत्री बनेंगे। विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से भाजपा यादव समाज को छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा संदेश देना चाहती है। खासकर बिहार चुनाव को देखते हुए यह दांव अहम है। बिहार में यादव समाज के लोग एक बड़ा वोट बैंक माने जाते हैं।
गुरु खुशवंत साहेब (आरंग, विधायक): सतनामी समाज के प्रभावशाली नेता और संत गुरु बालदास के उत्तराधिकारी गुरु खुशवंत साहेब पहली बार मंत्री पद की शपथ लेंगे। 2013 में बालदास के समर्थन से भाजपा को फायदा हुआ था, जबकि 2018 में कांग्रेस को समर्थन देने से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा। 2023 में भाजपा में शामिल होकर खुशवंत ने आरंग से जीत दर्ज की। भाजपा अब उन्हें मंत्री बनाकर SC वोट बैंक को साधना चाहती है।
राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर विधायक): 2023 में कांग्रेस के दिग्गज व पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को हराकर राजेश अग्रवाल ने बड़ा राजनीतिक उलटफेर किया। वे वैश्य समाज से आते हैं। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर सांसद बनने के बाद सरकार में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया था। अब राजेश अग्रवाल को मंत्री बनाकर भाजपा वैश्य समाज को साधने की कोशिश कर रही है।
यह भी पढ़ें: CG Cabinet: छत्तीसगढ़ में पहली बार होंगे 14 मंत्री, जानिए किसे मिल सकता है कौन-सा विभाग, क्या है वर्तमान स्थिति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस बार पीढ़ी परिवर्तन की रणनीति पर काम कर रही है। डॉ. रमन सिंह सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे दिग्गजों को इस बार जगह नहीं मिली। पार्टी अब 2028 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के नेतृत्व में नई टीम खड़ी करना चाहती है।