राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: छत्तीसगढ़ की जेलों में बंदियों से अवैध उगाही के गंभीर मामलों को लेकर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई के मूड में आ गई है। अंबिकापुर केंद्रीय जेल में पदस्थ चार जेल प्रहरियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त किए गए जेल प्रहरियों में नीलेश केरकेट्टा, लोकेश टोप्पो, ललईराम और चंद्र प्रकाश शामिल हैं। इन पर एक बंदी से आनलाइन अवैध वसूली करने के आरोप प्रमाणित हुए हैं।
इस मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी मुकेशकांत मल्हार की पत्नी अमरीका बाई ने जेल प्रहरियों के खिलाफ लिखित शिकायत की। शिकायत में कहा गया कि उसके पति को जेल में प्रताड़ित किया जाता है और मामूली सुविधाओं के लिए भी उसे रुपये देने को मजबूर किया जाता है। महिला ने आरोप लगाया कि अब तक 70 से 80 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर कर चुकी है। उसने इसके प्रमाण भी दिए। जांच में यह आरोप सही पाए गए, जिसके बाद चारों प्रहरियों को बर्खास्त कर दिया गया।
रायपुर जेल में भी जेलकर्मियों पर गाज गिरने वाली है। निलंबित सहायक अधीक्षक संदीप कश्यप को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) से सहमति मांगी गई है। कश्यप का नाम चर्चित हिस्ट्रीशीटर राजा बैझड़ उर्फ राशिद के मामले में सामने आया था। राजा बैझड़ का जेल के भीतर जिम करते और वीडियो काल करते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हुआ था, जिससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे।
रायपुर जेल में जैमर लगे होने के बावजूद मोबाइल फोन के इस्तेमाल की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सवाल यह उठ रहा है कि मोबाइल फोन किस रास्ते से जेल में पहुंचते हैं और जैमर के बावजूद कैसे चालू रहते हैं। रायपुर जेल में वर्तमान में विभिन्न घोटाले के करीब 31 हाईप्रोफाइल बंदी कैद हैं। इससे पहले दुर्ग और बिलासपुर जेलों में भी जेलकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। दुर्ग जेल के प्रहरी दिवाकर सिंह फिलहाल जेल में है, जबकि बिलासपुर जेल के समीर रौतिया की दीपावली के बाद गिरफ्तारी होनी तय मानी जा रही है। अंबिकापुर की घटना इस लिहाज से भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि जेल इतिहास में पहली बार एक साथ चार प्रहरियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं, जेल प्रशासन पर यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि शिकायत सामने नहीं आती तो क्या कैदियों व बंदियों से उगाही का खेल इसी तरह चलता रहता।
प्रदेशभर की जेलों में इस तरह की शिकायतों को देखते हुए जेल मुख्यालय ने अब सख्त रुख अपनाया है। सूत्रों के मुताबिक, अन्य जेलों में भी समीक्षा की जा रही है और जल्द ही और अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
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मुख्य सचिव स्तर तक इस मामले की रिपोर्ट पहुंची है। अब जेल मुख्यालय के अफसर प्रदेश की जेलों को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में कदम उठाने की बात कर रहे है।