राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: गणेश चतुर्थी पर बुधवार को गोलबाजार स्थित श्री सार्वजनिक हनुमान मंदिर ट्रस्ट और श्री बजरंग नवयुवक गणेश उत्सव समिति द्वारा आयोजित पूजन उत्सव में भक्तों ने आस्था की अनूठी मिसाल पेश की। गणपति बप्पा को नवरत्न जड़ित 750 ग्राम सोने का मुकुट अर्पित किया गया, जिसकी कीमत लगभग 75 लाख रुपये आंकी गई है। वहीं जयपुर के सांवरिया सेठ को तीन किलो चांदी भेंट की गई।
उत्सव का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विधिवत पूजन कर किया। इस दौरान सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विधायक सुनील सोनी भी मौजूद रहें। समारोह का संचालन करते हुए सहकारी बैंक अध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने बताया कि यह परंपरा 1885 से निरंतर चल रही है। पूजन में आचार्य आकाश मिश्रा के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा सम्पन्न हुई। पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
इसके साथ ही भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के अवसर पर राजधानी रायपुर में कई स्थानों पर भगवान गणेश जी पंडालों में विराजमान हो गए हैं। बुधवार को हुई इस मंगल स्थापना के साथ ही अगले 10 दिनों तक शहर में भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। रायपुर में भी सुबह से ही ‘गणपति’ के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।
बड़ी संख्या में भक्तों ने उत्साह के साथ प्रतिमाओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाया, जहां भव्य पंडालों और आकर्षक सजावट के बीच उनकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और मोहल्लों में बने पंडाल इस साल अपनी अनूठी थीम और कलात्मकता के लिए चर्चा में हैं।
लाखे नगर में इस बार गणपति बप्पा की अनोखी प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां बप्पा की आंखों की पलकें खुलती और बंद होती है। इसके लिए प्रतिमा के अंदर मोटर फिट की गई है। प्रतिमा एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से जनरेट किया गया है।
इस बार गुढ़ियारी गणेशोत्सव समिति शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इस बार भगवान शिव की जीवंत लीलाओं में पंडाल को सजाया गया है। 12 हजार वर्गफीट में लगे पंडाल में तरह-तरह की चलित झांकियां है। यहां अर्धनारीश्वर, सावन की पूजा, गंगा अवतरण, मार्कंडेय ऋषि का उद्धार, सागर मंथन, भोले की बारात, शंकर-पार्वती के फेरे, रावण का कैलाश पर्वत उठाना, कैलाश मानसरोवर की झांकी खास रहेगी।
श्री भारतीय समाज समिति तात्यापारा में धूमकेतु अवतार में बप्पा को विराजित किया गया है। राजवाड़ा किला के थीम पर पंडाल सजाया गया है।
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छोटापारा में गणेशोत्सव में सामाजिक सौहार्द और एकता की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। छोटापारा नवयुवक संघ गणेशोत्सव समिति की ओर से स्थापित हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर हिस्सा लेते हैं।