गोबर से बने खाद की कीमत में सरकार ने की बढ़ोतरी
छत्तीसगढ़ शासन ने गोठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर आठ रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर न्यूनतम 10 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sat, 12 Dec 2020 11:59:50 PM (IST)
Updated Date: Sat, 12 Dec 2020 11:59:50 PM (IST)

रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो
छत्तीसगढ़ शासन ने गोठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर आठ रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर न्यूनतम 10 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। इससे गोठान प्रबंधन में लगी महिला स्व-सहायता समूहों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत राज्य में स्वीकृत 6430 गोठानों में से 4487 गोठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए गोठानों में अब तक 44 हजार टांकों का निर्माण किया गया है। अभी 16 हजार टांके और बनाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेश में 8000 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन गोठनों में हो चुका है। इसमें 1000 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री की जा चुकी है। प्रदेश के हजारों महिला स्व सहायता समूह गोठनों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं, वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर में वृद्घि से उनकी आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के हर जिले में वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित करने की भी योजना बना रही है।
बता दें कि प्रदेश में इस साल हरेली पर्व से देश की अपनी तरह की पहली गोबर खरीदी की अभिनव योजना गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत दो रुपये प्रति किलोग्राम पर ग्रमीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना में अब तक 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को उनसे खरीदे गए गोबर के मूल्य के रूप में 59.08 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।