राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: राज्यपाल रमेन डेका ने शनिवार को कहा कि न्याय के लिए लड़ने वाला व्यक्ति महत्वपूर्ण है। अभी न्याय बहुत देर से मिलता है। देर से मिलने वाला न्याय अन्याय के सामान है। लोगों की निगाह न्यायपालिका पर है। न्यायपालिका को बदनामी से बचना चाहिए। नेता लोग तो बदनाम हैं ही।
राज्यपाल डेका हाई कोर्ट बिलासपुर की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर बिलासपुर में आयोजित रजत जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे । डेका ने कहा कि न्यायालय की बिल्डिंग नहीं बल्कि मिलने वाला न्याय महत्वपूर्ण है। अभी मीडिया ट्रायल बढ़ गया है। बेल के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है। न्याय सिर्फ समर्थवान के लिए नहीं बल्कि सबके लिए हो।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपनी स्थापना से अब तक संविधान के व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों के संरक्षक और न्याय के प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने लोक अदालतों के जरिए लंबित मामलों के त्वरित निपटारे की सराहना की। उन्होंने प्रथम मुख्य न्यायाधीश डब्ल्यूए शिशाक और उनके उत्तराधिकारियों को याद करते हुए कहा कि अधिवक्ताओं और कर्मचारियों की निष्ठा ने न्यायालय की गरिमा को ऊंचा किया है। पर्यावरण, आदिवासी अधिकार, सामाजिक न्याय और सुशासन पर दिए गए फैसलों ने हाई कोर्ट को नई पहचान दिलाई है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य के रजत जयंती वर्ष के साथ ही हाई कोर्ट और विधानसभा भी अपनी रजत जयंती मना रहे हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनकी दूरदृष्टि से ही राज्य और हाई कोर्ट की स्थापना संभव हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की उपलब्धता के साथ समय पर न्याय दिलाने को कटिबद्ध है। इसी दिशा में विधि विभाग का बजट लगातार बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट से कई न्यायाधीश जैसे जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस नवीन सिन्हा, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस भूपेश गुप्ता और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं, जो गर्व की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू नई भारतीय न्याय संहिता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कानून दंड नहीं, बल्कि न्याय पर केंद्रित है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आम नागरिक कोर्ट के दरवाजे पर विश्वास के साथ आता है और इसी भावना के साथ न्यायपालिका को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों के लिए न्यायपालिका को विजन बनाना चाहिए, ताकि न्याय अंतिम पायदान तक पहुंच सके।
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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि रजत जयंती का यह अवसर हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। पिछले 25 वर्षों में न्यायालय ने विधि के शासन को स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।