राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। यह दौरा माओवादियों के खात्मे के अंतिम अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। शाह 22 जून को रायपुर पहुंचेंगे और नवा रायपुर स्थित अटल नगर में राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और छत्तीसगढ़ की नई फारेंसिक लैब का ऑनलाइन शिलान्यास करेंगे।
बता दें कि इसी दिन वे छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के डीजीपी और एडीजीपी के साथ माओवादी हिंसा उन्मूलन को लेकर उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। इसके बाद वे बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के एक शिविर का दौरा भी करेंगे।
इसके बाद अगले दिन 23 जून को गृहमंत्री नारायणपुर जिले के इरकभट्टी स्थित बीएसएफ कैंप में पहुंचेंगे, जहां वे माओवादी मोर्चे पर लड़ने वाले वीर जवानों का उत्साहवर्धन करेंगे। यह वही क्षेत्र है जिसे एक समय माओवादियों का अभेद्य गढ़ माना जाता था, लेकिन अब यहां पर निर्णायक अभियान चल रहा है।
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गौरतलब है कि केंद्र में भाजपा सरकार के पुनः सत्ता में आने के बाद, अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश को माओवादी हिंसा से मुक्त करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में सुरक्षा बल आक्रामक रणनीति के साथ लगातार काम कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले 17 महीनों में 425 से अधिक माओवादी मारे गए हैं, जिनमें एक दर्जन से अधिक टॉप कमांडर शामिल हैं। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि सुरक्षा बल अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्णायक बढ़त बना चुके हैं। इसके साथ ही बहुत सारे माओवादी आत्मसमर्पण करके समाज की मुख्य धारा में जुड़ रहे हैं। जो कि बस्तर क्षेत्र के लिए बहुत ही अच्छी बात है। क्षेत्र में जैसे-जैसे माओवाद का खात्मा हो रहा है, वैसे-वैसे शिक्षा और विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ है। दशकों से माओवाद के अंधेरे से घिरे बस्तर में उम्मीद की रौशनी दिखाई दे रही है।