रायपुर। Ganesh Utsav 2022: कोरोनाकाल के दो वर्ष बाद एक बार फिर शहर में गणेश उत्सव की रौनक लौट आई है। आकर्षक मूर्तियां पंडालों में विराजमान हो चुकी हैं। वहीं राजधानी के कंकालीपारा में नवभारत सांस्कृतिक गणेशोत्सव समिति ने इतिहास रच दिया है। समिति के मुताबिक 1973 में पहली बार इस चौक पर गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी। तब से लेकर अब तक लगातार यह सिलसिला जारी है।
50 वर्षों में स्थापित की गई भगवान गणेश की आकर्षक मूर्तियां
समिति के संचालक आनंद तांबोली ने बताया कि दो-तीन लोगों से मिलकर की गई शुरुआत अब बड़ा स्वरूप ले चुका है। इन 50 वर्षों के इतिहास में गणेश जी की आकर्षक मूर्तियां स्थापित की गईं। गणेश उत्सव में पहले रायपुर में समितियां झांकी को महत्व देती थीं, लेकिन हमारी समिति ने गणेश जी की प्रतिमा को बड़ा करना शुरू किया। हम उन चुनिंदा समितियों में से हैं, जिन्होंने गणेश जी की सबसे बड़ी प्रतिमा को रायपुर में स्थापित करना शुरू किया।
1973 में 10 रुपये की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई थी, वर्तमान में डेढ़ लाख से दो लाख रुपये की प्रतिमा स्थापित की जाती है। समिति के अन्य पदाधिकारियों में अध्यक्ष राजेंद्र तांबोली, सचिव महेंद्र पंसारी, सदस्य किशन तांबोली, मोहन ताबांली और मोहन पंसारी का विशेष योगदान है। नवभारत चौक पर विराजमान मूर्ति के शिल्पकार माना के जयंत मंडल हैं। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इन 50 वर्षों में समिति ने गणेश प्रतिमा और पुरस्कार वितरण समारोह में कई बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
टाइटेनिक जहाज को देखने बढ़ रही भीड़
कालीबाड़ी के पास पंडाल को टाइटेनिक जहाज जैैसा बनाया गया है। इसे देखने के लिए लगातार लोगों की भीड़ उमड़ रही है। दूर-दूर से भी लोग आ रहे हैं।
इन इलाकों में गणेश उत्सव की रौनक
आमापारा, टिकरापारा, बैरनबाजार, सत्तीबाजार, पुरानी बस्ती, कुशालपुर, मठपारा, गोलबाजार, गुढ़ियारी पड़ाव, आमापारा, बूढ़ापारा, पंडरी, मोवा, पचपेड़ी नाका, रामसागरपारा, बढ़ई पारा, कंकाली पारा, समता कालोनी, चौबे कालोनी, रामनगर, सुंदरनगर, देशबंधु स्कूल रोड, गंजपारा, स्टेशन रोड समेत राजधानी के विविध मोहल्लों में पांच हजार से अधिक छोटे-बड़े पंडालों में प्रतिमा स्थापित की गई है।