नईदुनिया, रायपुर, Chhattisgarh Politics। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच नया विवाद हो गया है। प्रदेश के दौरे पर आए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने भाजपा और उसके राष्ट्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा।
वहीं प्रदेश कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री अमरजीत भगत द्वारा खरगे की तुलना संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर से किए जाने पर सियासत गरमा गई है। भगत ने खरगे को बाबा साहब का दूसरा अवतार बताते हुए कहा था कि राज्य संकट में है और खरगे से इसे नई संजीवनी मिलेगी।
इस बयान पर भाजपा विधायक गुरु खुशवंत ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यह डॉ. आंबेडकर का सरासर अपमान है। उन्होंने कांग्रेस पर चापलूसी और व्यक्ति-पूजा की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने संविधान निर्माता को चुनाव में हरवाया, वे ही अब उन्हें अपने राजनीतिक फायदे के लिए अपमानित कर रहे हैं।
इससे पहले जनसभा को संबोधित करते हुए खरगे ने प्रश्न उठाया कि छत्तीसगढ़ न अमित शाह का घर है, न ससुराल, फिर भी वे बार-बार क्यों आ रहे हैं? खरगे ने आरोप लगाया कि उनका मकसद गरीब जनता की भलाई नहीं, बल्कि राज्य के खनिज भंडारों की लूट है। स्टील, आयरन ओर व अन्य खनिजों को निजी उद्योगपतियों को सौंपने की तैयारी चल रही है।
खरगे ने दावा किया कि यदि कांग्रेस को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य दो-तीन राज्यों से और 20 सीटें मिल जातीं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुजरात वापसी के लिए विवश कर देते। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि 400 पार का दावा करने वाले आज दो बैसाखियों के सहारे चल रहे हैं। एक तेलगु देशम पार्टी की और दूसरी नीतीश कुमार की।
खरगे ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर इन दोनों में से किसी ने साथ छोड़ा, तो मोदी सरकार गिर जाएगी। खरगे ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। डराने, दबाने और बदनाम करने की यह राजनीति अब पुरानी हो चुकी है। कांग्रेस का कार्यकर्ता झुकने वाला नहीं है।
खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर भारत के संविधान की मूल आत्मा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संघ के एक प्रमुख विचारक ने सोशलिज्म और सेक्युलरिज्म जैसे मूलभूत शब्दों को संविधान से हटाने की बात कही है। खरगे ने कहा कि ये वही शब्द हैं जो 1980 में आरएसएस द्वारा तैयार अपने संविधान में भी शामिल थे, लेकिन अब उन्हें हटाने की साजिश हो रही है।