नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली प्रमुख ट्रेनों में इन दिनों चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले छह महीनों में राजधानी रायपुर स्थित जीआरपी थाने में 100 से अधिक मामलों की एफआइआर दर्ज की गई है, जिनमें से अधिकांश घटनाएं एसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों के साथ हुई हैं।
चोर सुनियोजित तरीके से देर रात उस समय वारदात को अंजाम दे रहे हैं, जब यात्री गहरी नींद में होते हैं। यात्रियों के मोबाइल, लैपटाप, पर्स और आभूषण तक चोरी हो रहे हैं। शिवनाथ एक्सप्रेस, विशाखापत्तन एक्सप्रेस और गीतांजली एक्सप्रेस ऐसी ट्रेनें हैं, जहां चोरी की घटनाएं सबसे ज्यादा दर्ज हुई हैं।
ट्रेनों में सुरक्षा के लिहाज से कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन अधिकतर ट्रेनों में लगे कैमरे सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। हाल ही में दुर्ग के पास शिवनाथ एक्सप्रेस में हुई 65 लाख की चोरी के मामले में जब जीआरपी ने ट्रेन के कैमरे से सुराग ढूंढने की कोशिश की, तो पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। क्योंकि कैमरे में कोई डेटा रिकार्ड नहीं हुआ था।
एसी कोच में चोरी की घटनाएं सबसे ज्यादा हो रही हैं। छह महीनों के आंकड़े खंगालने पर पता चला कि अधिकतर चोरी की वारदातें एसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों के साथ हुई हैं।
आरपीएफ, जीआरपी और स्पेशल विंग के जवानों द्वारा पेट्रोलिंग का दावा किया जाता है। आरपीएफ के चार से अधिक जवान हमेशा रायपुर से बिलासपुर के बीच पेट्रोलिंग करते हैं। इसके अलावा, आरपीएफ की स्पेशल विंग के जवान भी ट्रेनों में संदिग्धों पर नजर रखने के लिए तैनात होते हैं। जीआरपी भी रात में भाटापारा से दुर्ग के बीच अपने दो जवानों को ट्रेनों में पेट्रोलिंग कराने का दावा करती है। इसके बावजूद, चोर बड़ी वारदातों को अंजाम दे जाते हैं।
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विशेष टीम बनाकर ऐसे मामलों की जांच की जा रही है। हाल ही में दुर्ग-भिलाई के बीच हुई दो बड़ी चोरी के मामलों में जीआरपी को सफलता मिली थी। इस तरह अन्य मामलों में भी जीआरपी लगातार काम कर रही है। साथ ही ट्रेनों में पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है। -श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा,एसपी, जीआरपी
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में चलने वाली ट्रेनों के एक हजार से अधिक कोचों में कैमरे लगाने की योजना है। जिन ट्रेनों के कैमरे खराब होने की जानकारी दी गई है, उन्हें ठीक कराया जाएगा। -विपुल विलास राव, सीपीआरओ