
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास के साथ रोजगार उपलब्ध कराने पर राज्य सरकार का फोकस है। प्रदेश में कौशल-आधारित रोजगार को मजबूती प्रदान करने गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) समेत निजी कंपनियां 13,690 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे 12,000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है।
गेल ने 10,500 करोड़ रुपये निवेश करने में रूचि दिखाई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में मंगलवार को विभिन्न निवेश प्रस्तावों पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किए गए तथा निवेश आमंत्रण पत्र जारी किए गए। राजधानी के बेबीलोन इंटरनेशनल होटल में ‘छत्तीसगढ़ स्किल टेक’ कार्यक्रम का आयोजन किया।
राज्य शासन के कौशल विकास और वाणिज्य व उद्योग विभाग की ओर से उद्योग-केंद्रित निवेश कार्यक्रम प्रधानमंत्री सेतु योजना के अंतर्गत कौशल विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान जशपुर में स्थापित आदित्य बिरला स्किल सेंटर को भी उद्योग-प्रेरित कौशल पहल के रूप में रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश का विकास मॉडल निवेश, रोजगार और कौशल को आपस में जोड़ने पर आधारित है। छत्तीसगढ़ स्किल टेक जैसे मंचों के माध्यम से निवेशकों के विश्वास को ज़मीनी स्तर पर परिणामों में बदल रहे हैं, ताकि राज्य में कुशल रोजगार के अवसर सृजित हों।
इसके पीछे स्पष्ट नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन क्षमता ताकत है। पिछले एक वर्ष में प्रदेश को 200 से अधिक परियोजनाओं के माध्यम से 7.83 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें से करीब 50 प्रतिशत परियोजनाएं कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर चुकी हैं।
गेल गैस-आधारित उर्वरक संयंत्र स्थापित करेगा। करीब 10,500 करोड़ रुपये के प्रथम चरण निवेश और 1.27 मिलियन टन प्रति वर्ष यूरिया उत्पादन क्षमता के साथ यह परियोजना प्रदेश को देश के डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल व उर्वरक मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करेगी। यह प्रस्तावित परियोजना गेल की मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (एमएनजेपीएल) के साथ प्लान की गई है, जो अनुकूल तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता पर आधारित होगी।
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यह परियोजना राजनांदगांव जिले के बिजेतला क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि पर प्रस्तावित है, जबकि 100 एकड़ अतिरिक्त भूमि एक समर्पित टाउनशिप के लिए आरक्षित की गई है। परियोजना में भविष्य में मांग और अधोसंरचना की उपलब्धता के अनुरूप क्षमता विस्तार का भी प्रविधान रखा गया है। परियोजना के संचालन में आने के बाद करीब 3,500 प्रत्यक्ष रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है।