
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान उजागर हुए करीब 32,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से बचने के लिए अब मौजूदा शराब नीति में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। आबकारी विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक मसौदा तैयार कर लिया है, जिसमें एक बार फिर से ठेका पद्धति लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मसौदे पर जल्द ही सरकार स्तर पर चर्चा की जाएगी। सहमति बनने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार को शराब बिक्री से अपेक्षित राजस्व नहीं मिल पा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आबकारी विभाग के लिए 11 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन विभाग लगभग 3 हजार करोड़ रुपये पीछे रह गया। इसके बावजूद आगामी वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य बढ़ाकर 12,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है। ऐसे में सरकार अब नई नीति के जरिये राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ नियंत्रण व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने पर जोर दे रही है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि ठेका पद्धति लागू होने पर शराब दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में दी जाएगी,जबकि सरकार केवल निगरानी और नियंत्रण की भूमिका में रहेगी। इस कदम से जहां भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रोक लगाने की उम्मीद है, वहीं सरकारी खर्च में भी कमी आने की संभावना जताई जा रही है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुरानी पद्धति से पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकार को अधिक स्थिर राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही, शराब वितरण और बिक्री व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सकेगा। सरकार नई नीति को आगामी वित्तीय वर्ष से लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 से पहले छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री ठेका पद्धति से निजी ठेकेदारों के माध्यम से होती थी। एक अप्रैल 2017 से सरकार ने यह व्यवस्था बदलकर खुदरा बिक्री अपने हाथों में ले ली। इसके लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) का गठन किया गया, जो वर्तमान में भी सभी सरकारी शराब दुकानों का संचालन कर रहा है।
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भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, होटल कारोबारी अनवर ढेबर, सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा, मनीष मिश्रा, अभिषेक सिंह, मुकेश मनचंदा, अतुल कुमार सिंह, दीपेन चावड़ा समेत अन्य आरोपित रायपुर जेल में बंद है,जबकि कुछ रसूखदार जमानत पर बाहर है।