नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। ओडिशा में सुरक्षाबलों को नक्सल उन्मूलन के मोर्चे पर एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। माओवादियों की केंद्रीय समिति (सीसी) के सदस्य और कुख्यात नक्सली कमांडर गणेश उईके को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है।
यह कार्रवाई ओडिशा पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), सीआरपीएफ (CRPF)और बीएसएफ(BSF) की संयुक्त टीम द्वारा की गई। मुठभेड़ कंधमाल जिले के गंजम से सटे राम्पा के जंगलों में हुई, जहां से सुरक्षाबलों ने दो महिला नक्सलियों समेत कुल चार नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। बाद में ऑपरेशन के दौरान कुल छह माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
ओडिशा पुलिस के डीआईजी ऑपरेशन पर रख रहे नजर
इस पूरे अभियान की निगरानी ओडिशा पुलिस के डीआईजी (आपरेशंस) अखिलेश्वर सिंह स्वयं कर रहे हैं, जबकि जिला पुलिस अधीक्षक भी मौके पर हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। डीआईजी (आपरेशंस) अखिलेश्वर सिंह ने बताया, "यह आपरेशन स्पेशल इंटेलिजेंस विंग की सूचना पर आधारित था और हम लगातार मानिटरिंग कर रहे थे। गणेश की मौत से माओवादी आंदोलन को बड़ा झटका लगा है।
दोनों पक्षों में भारी गोलीबारी हुई
ओडिशा पुलिस के स्पेशल आपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की 20 टीमों, सीआरपीएफ की 2 टीमों और बीएसएफ की एक टीम ने मिलकर इस संयुक्त अभियान को अंजाम दिया। स्पेशल इंटेलिजेंस विंग से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बल ने माओवादियों की घेराबंदी की, जिसके बाद दोनों पक्षों में भारी गोलीबारी हुई।
उस पर कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कुख्यात नक्सली हिड़मा के मारे जाने के बाद से ही सुरक्षाबल गणेश उईके की तलाश में जुटे हुए थे, जो अब पूरी हो गई है।
मारे गए माओवादियों की संख्या बढ़ सकती है
जानकारी के अनुसार, एसओजी के नेतृत्व में कंधमाल के जंगलों में एक विशेष ऑपरेशन चलाया जा रहा था। गश्त के दौरान सुरक्षाबलों का नक्सलियों से आमना-सामना हो गया, जिसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के बाद इलाके की सर्चिंग में चार माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। इनमें से एक की पहचान गणेश उईके के रूप में हुई है, जबकि बाकी तीन की पहचान अभी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मारे गए माओवादियों की संख्या बढ़ सकती है।
ओडिशा में माओवादी संगठन का प्रमुख था
गणेश उईके पिछले तीन दशकों से बस्तर इलाके में सक्रिय था और कई माओवाद हमलों, हत्याओं तथा अन्य अपराधों में शामिल रहा। वह ओडिशा में माओवादी संगठन का प्रमुख था। घटनास्थल से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद किए गए हैं।
तेलंगाना के नलगोंडा जिले का रहने वाला था
गणेश उईके को पाका हनुमंथु और राजेश तिवारी के नाम से भी जाना जाता है। लंबे अरसे से गणेश उईके ओडिशा राज्य में था। सक्रिय माओवादी संगठन ने गणेश को ओडिशा राज्य की जिम्मेदारी दी थी। गणेश उईके की 7 राज्यों में थी तलाश। वह साउथ सब जोनल का इंचार्ज था।
नक्सल विरोधी अभियानों के लिहाज से वर्ष 2025 अब तक का सबसे सफल साल साबित हो रहा है। जून महीने में केशवराव उर्फ बसवराजू के एनकाउंटर और दो महीने पहले हिड़मा के सफाए के बाद यह सुरक्षाबलों की एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।