नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: धमतरी के सिहावा रोड स्थित अन्नपूर्णा ढाबे में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात हुई दिल दहला देने वाली वारदात ने रायपुर के तीन परिवारों के सहारों को छीन लिया। इस वारदात में सेजबहार निवासी आलोक ठाकुर (28) और संतोषी नगर निवासी सगे भाई सूरज तांडी (34) व नितिन तांडी (32) की जान चली गई। वारदात के बाद से तीनों परिवारों में मातम पसर गया और स्वजन के आंसू थम नहीं रहे थे।
आलोक ठाकुर अपने घर का इकलौता बेटा था। वर्ष 2015-16 में सड़क हादसे में उसके पिता का पैर कट गया था, जिसके बाद सदमे में उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। तब से आलोक ही अपनी मां और दो बहनों का सहारा था। बीते रविवार को ही उसका रिश्ता तय हुआ था।
बहन शिबू और कुमकुम के साथ-साथ मां रुदने सिंह ने उसकी शादी के सपने देखे थे, लेकिन सोमवार को वह दुनिया छोड़ गया। आलोक की मां रोते हुए बार-बार यही कह रही थीं-‘मेरा राजा बेटा लौट आ, तेरी शादी के लिए मैंने कितने सपने संजोए थे, अब किसकी शादी करुंगी।’ आलोक पेटी ठेकेदार का काम करता था।
संतोषी नगर के नितिन और सूरज तांडी, आलोक के मौसेरे भाई थे। नितिन कार चलाने का काम करता था और पांच साल की बेटी व तीन साल के बेटे का पिता था। सूरज मैकेनिक था और डेढ़ साल की बेटी का पिता था। दोनों ही अपने-अपने घर के मुख्य कमाने वाले थे, जिनकी मौत से परिवार पूरी तरह असहाय हो गया है।
परिवार वालों ने बताया कि पांच दोस्त रायपुर से धमतरी घूमने गए थे। पहले मामा के घर भिलाई जाने वाले थे, लेकिन बाद में धतमरी का प्लान कर धमतरी चले गए। धमतरी के अन्नपूर्णा ढाबे में कुछ बदमाश 300 रुपये का खाना खाकर बिल चुकाने से मना कर रहे थे और वहां मौजूद लोगों से गाली-गलौज कर रहे थे। इस दौरान इन युवकों का उनसे विवाद हो गया। इसके बाद आरोपितों ने तीनों को एक किलोमीटर तक दौड़ाकर चाकू से ताबड़तोड़ हमला किया, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई।
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स्वजन का आरोप है कि गिरफ्तार किए गए लोग मुख्य आरोपित नहीं हैं और असली गुनहगार अब भी फरार हैं। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। मंगलवार दोपहर तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है।
सेजबहार स्थिति आलोक के में जब धमतरी से उसकी लाश पहुंची तो बहन देखकर गिर पड़ी। रो-रो कर बहन सिर्फ यही कर रही थी कि मेरा राजा भाई लौट आ। वह बहुत अच्छा लड़का था, उसका किसी से कोई लेना देना नहीं था। तीन दिन पहले ही मैंने राखी बांधी थी।
रायपुर के तीन युवकों पर चाकू मारकर हत्या करने वाले गिरफ्तार पांचों आरोपितों का पुलिस ने पहले जिला अस्पताल में मुलाहिजा कराया, फिर पांचों आरोपितों के सिर के बाल को अलग-अलग जगहों से अर्द्धमुंडन कर अस्पताल परिसर से हथकड़ी लगाकर पैदल मार्च कराते हुए जुलूस निकाला।
इस दौरान सभी आरोपितों को सबक सिखाने के लिए कान पकड़कर यह कहते हुए ले जाया गया कि पुलिस हमारा बाप है, नशा करना पाप है, चाकू रखना पाप है। पुलिस द्वारा आरोपितों की निकाला गया जुलूस को देखने लोगों की भीड़ लग गई। रत्नाबांधा रोड़ के पास जाने के बाद सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।