
नईदुनिया न्यूज, प्रतापपुर। लगभग तीन वर्ष पूर्व चंदौरा थाना के ग्राम सेमई में ग्रामीण की हत्या में शामिल 12 आरोपितों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतापपुर ओमप्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी अभियुक्त एक ही परिवार के सदस्य हैं। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल है। इन सभी पर अपराधिक षड़यंत्र रचते हुए ग्रामीण की हत्या का आरोप सुनवाई के दौरान प्रमाणित हुआ है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार नाविक ने बताया कि घटना 24 जून 2022 की है। मृतक हिरदलराम राजवाड़े ने ग्राम सेमई में चार एकड़ 90 डिसमिल जमीन बईगासाय लोहार से क्रय की थी। जमीन के कुछ हिस्से में बईगासाय लोहार के भतीजे बसंत, शिवबरन,रामचन्दर, शिवधारी,दशरथ आदि ने कब्जा कर रखा हुआ था। जमीन क्रेता हिरदलराम राजवाड़े ने जमीन का सीमांकन कराने के लिए तहसील न्यायालय से आदेश करवाया था।
घटना दिवस 24 जून को वे सीमांकन के सिलसिले में जानकारी देने के लिए सेमई जा रहे थे। रास्ते में कब्जाधारी परिवार के सदस्यों ने उनका रास्ता रोककर हत्या कर दी थी। उसी दिन शाम को ग्राम के सरपंच के माध्यम से मृतक के पुत्र कमल राजवाड़े को घटना की जानकारी मिली थी। मृतक के पुत्र सहित परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे थे। मृतक का शव रक्तरंजित अवस्था में पड़ा हुआ था।
मृतक के पुत्र की शिकायत पर पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया था। जांच के पश्चात पुलिस ने न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतापपुर ओमप्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपितों को उक्त धाराओं का दोषी पाया। आरोपितों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अदालत ने कहा है कि सभी आरोपित आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे। उन्हें पता था कि हत्या जैसे आपराधिक घटना के लिए वे एकत्रित हुए हैं।
अदालत ने ग्राम सेमई निवासी दशरथ विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, जगजीवन उर्फ जीवन विश्वकर्मा, बसंत विश्वकर्मा, शिवधारी विश्वकर्मा, रामचंदर, शिवबरन , आतर, अनीता, रजवंती, गणेशपति व बसंती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी आरोपित एक ही परिवार के सदस्य हैं। आरोपितों की आयु 24 से 65 वर्ष की है। आरोपितों में पांच महिलाएं भी हैं।