
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। ऑनलाइन ठगी के शातिर जालसाज अब उन लोगों को निशाना बना रहे हैं, जो ज्यादातर समय अपने मोबाइल पर बिताते हैं और इंटरनेट मीडिया पर आने वाली किसी भी लिंक को आसानी से खोल देते हैं। ठग इन यूजर्स को व्हाट्सएप या कॉल पर मैसेज भेजते हैं, जिसमें बैंक या आधार अपडेट के नाम पर एक एपीके (एंड्रायड एप्लीकेशन किट) फाइल का लिंक होता है।
ठगों द्वारा भेजी गई एपीके फाइल को डाउनलोड करने पर, वे आपके मोबाइल को हैक कर लेते हैं। इससे ठग मोबाइल का पूरा एक्सेस पा जाते हैं और आपकी निजी जानकारियां जैसे बैंक डिटेल्स, ओटीपी आदि को चुरा सकते हैं। पिछले एक महीने में रायपुर में ऐसे करीब 15 मामले सामने आए हैं, जिससे पुलिस ने अलर्ट जारी किया है।.jpg)
सबसे पहले ठग आपके व्हाट्सएप को हैक करते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि एक बार व्हाट्सएप हैक हो जाने पर, आपके द्वारा जुड़े सभी ग्रुप्स में यह फाइल भेजी जाती है, जिससे एक चेन बनती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों के फोन को निशाना बनाया जाता है।
एपीके फाइल डाउनलोड करने के बाद, जालसाज आपके फोन के कैमरा, माइक्रोफोन, जीपीएस, मैसेज और ओटीपी तक पहुंच जाते हैं। इससे मोबाइल फोन की सारी जानकारी और ओटीपी ठगों के पास पहुंचने लगती है, और यूजर को इसकी भनक भी नहीं लगती कि उनकी जानकारी किसी और के पास जा रही है।.jpg)
यदि आपके व्हाट्सएप या किसी अनजान ग्रुप में बैंक या आधार अपडेट के नाम पर कोई एपीके फाइल आती है, तो उसे भूलकर भी डाउनलोड न करें। ऐसा करने पर, जालसाज आपकी सारी निजी जानकारी चुरा सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा।
साइबर रेंज प्रभारी, मनोज नायक का कहना है कि इन फर्जी एपीके फाइल्स का कोई आइकन नहीं होता, जिससे उन्हें ढूंढकर अनइंस्टाल करना मुश्किल हो जाता है। ठग इन फाइल्स को बैंक और आधार अपडेट के बहाने भेजते हैं, और एक बार लिंक पर क्लिक करने के बाद, आपके फोन में फाइल डाउनलोड होना शुरू हो जाती है, जिससे फोन पूरी तरह से हैक हो जाता है। इसके बाद, आपके व्हाट्सएप नंबर से दूसरे ग्रुप्स और दोस्तों को भी यह फाइल भेजने का संदेश आने लगता है।
