
परितोष दुबे, नईदुनिया, रायपुर: बेमौसम बारिश और तूफान का दुष्प्रभाव सामने आ रहा है। लंबे तने वाले धान की खड़ी फसल खेतों में सो गई है। इससे कृषक चिंता में हैं। प्रशासन नुकसान का आंकलन कर रहा है। नईदुनिया की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि बनरसी से लेकर माना बस्ती में नहर के किनारे धान की खेती को बेमौसम बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है। किसान बताते हैं कि रुपया में चार आने का नुकसान तय है। जहां फसल सो गई है, वहां नुकसान ज्यादा होगा।
बनरसी के किसान मायाराम साहू बताते हैं कि तूफान के प्रभाव से हुई बारिश ने बेड़ा गर्क कर दिया है। खेत के निचले हिस्सों में अधिकांश फसल सो गई है। इसलिए भगवान का नाम लेकर लुआई (कटाई) कर रहे हैं। जहां फसल खड़ी भी है उसमें भी नीचे का धान सड़ रहा है।
किसान का कहना है कि नौ एकड़ जमीन पर धान की फसल लगाने वाले तीन भाइयों का परिवार की आय का मुख्य स्त्रोत खरीफ की धान फसल ही है। कुल फसल की एक चौथाई का नुकसान भी भारी पड़ने वाला है। फसल बीमा की राशि के बारे में पूछे जाने पर अनिभिज्ञता जताते हुए मायाराम कहते हैं कि अब तक किसी तरह का सर्वे नहीं हुआ है।
किसान का कहना है कि सोई फसल के नीचे की ज्यादातर उपज सड़ गई है। आगामी दिनों में यदि पानी गिरा तो फिर नुकसान की मात्रा बढ़ सकती है। इधर, कृषि विभाग के अनुसार बीमा कवरेज की शर्तों के अनुसार प्रभावित किसानों को उपज में आए अंतर का सर्वे कर मुआवजा घोषित किया जाएगा। कृषि,राजस्व व पंचायत विभाग मिलकर सर्वे प्रारंभ करेंगे।
यह भी पढ़ें- CG Crime: साथ चलने से इनकार करने पर भाइयों पर चाकू से हमला, एक भाई की मौत; दूसरा गंभीर
वहीं मौसम विभाग ने रायपुर व आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटे के दौरान बादल छाए रहने की संभावना व्यक्त की है। इससे किसानों की चिंता बढ़ रही है। किसानों का कहना है कि तेज धूप का दौर आने से नुकसान कम होता।