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राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) की तैयारी पूरी कर ली गई है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मंगलवार से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रदेश में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं।
प्रदेश में पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने 1 जनवरी 2025 की तिथि में मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 11 लाख 5,391 बताई थी। इसमें 1 करोड़ 4 लाख 27,834 पुरुष, 1 करोड़ 6 लाख 76,821 महिला और 736 तृतीय जेंडर मतदाता शामिल हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि एसआईआर को लेकर पुरानी और वर्तमान लिस्ट का मिलान किया जा चुका है। प्रदेश के सभी जिलों में एसआईआर एक साथ लागू किया जाएगा। सर्वे को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। एसआईआर में नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे और लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। बीएलओ घर-घर जाकर 2003 की लिस्ट से मिलान करेंगे और कमियों को दूर करेंगे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग के एसआईआर के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार जो पात्र और देश के नागरिक हो, उनके ही नाम मतदाता सूची में होने चाहिए। एसआईआर का निर्णय स्वागत योग्य है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केद्रीय निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए अवैध प्रवासियों की पहचान पर स्पष्टता की मांग की है। दिल्ली रवाना होने से पहले सोमवार को राजधानी के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि एसआईआर की घोषणा हो गई है, लेकिन चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में कितने बांग्लादेशी चिन्हित किए गए और उनमें से कितने की सूची केंद्र सरकार को दी गई है।
इनमें कितने लोग बाहर हुए हैं क्योंकि एसआईआर से विदेशी नागरिक भगाने की बात कही गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय अभी तक यह नहीं बता पाया है कि छत्तीसगढ़ में कितने पाकिस्तानी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिया था कि तीन दिनों के भीतर जितने भी पाकिस्तानी हैं, उन्हें बाहर किया जाए। लेकिन, राज्य सरकार अभी तक पाकिस्तानी लोगों की पहचान नहीं कर पाई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग के छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों में एसआईआर के निर्णय को सत्ता प्रायोजित लोकतंत्र विरोधी षड्यंत्र बताया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के अनुकूल चुनावी जमीन तैयार करने की कवायद की जा रही है।
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साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से भाजपा के मोर्चा संगठन की भूमिका में है। निर्वाचन आयोग को एसआईआर से पहले मतदाता सूची का इलेक्ट्रानिक डेटा प्रदान करना और सभी राजनैतिक दलों से चर्चा करनी चाहिए। महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार के वोट चोरी के जो प्रमाण उजागर हुए हैं, वे चुनाव आयोग और भाजपा के मिलीभगत से लोकतंत्र को बर्बाद करने के षडयंत्र को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त हैं।
साथ ही कहा कि बिहार में हुए एसआईआर पारदर्शिता और विश्वासीयता की कसौटियों पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है। एसआईआर का असल मकसद मतदाता सूची अपडेट करना नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के लाभ के लिए लोकतंत्र को बर्बाद करना है।