
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर(President Raipur Visit)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संबोधन की शुरुआत जय जोहार के साथ की। उन्होंने कहा कि आपको देखकर मुझे ओडिशा विधानसभा में अपने पुराने दिनों की याद आ गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह की बधाई दी। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुई थी। विधायक की जिम्मेदारी निभाना जनसेवक के भावना से बड़े सौभाग्य की बात होती है। इस विधानसभा की इतिहास को जानकर ये मान्यता मजबूत हुई है कि छत्तीसगढ़िया, सबले बढ़िया।

छत्तीसगढ़ राज्य को मातृशक्ति का रूप कहा जा सकता है। जैसा यहां शबरी माता का उल्लेख किया गया। यहां छत्तीसगढ़ की महतारी के बारे में गाया जाता है। ये राज्य भारत माता का साक्षात प्रतीक है। नारी शक्ती के रूप में ये राज्य स्थापित है। भारत के संसदीय परंपरा में उनका सम्मानीय स्थान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वंचित वर्ग से आने वाली मिनीमाता ने समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य किया। इस सदन में महिलाओं की संख्या 19 है। इस सदन में महिलाओं को विशेष समर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने महिला विधायकों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम करें।
जब सभी बहनें एक-दूसरे को सशक्त बनाएंगी तो हमारा समाज और सशक्त होगा। महिला सदस्यों को प्रयास करना चाहिए कि आने वाले समय में यहां महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि वामपंथी लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने आप जल्द सफल हों। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान है। यहां खनिज, उद्योग, हरे-भरे जंगलों सहित ये राज्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहां महानदी, इंद्रावती और शिवनाथ जैसी नदी का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां के सदस्यों को प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के संबंधों को लेकर बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भले ही परिसीमन की सीमा हो, लेकिन दिलों के बीच कोई दीवार नहीं है। हम सभी एक हैं, एक देश के नागरिक हैं। 'हम भारत के लोग हैं' का संकल्प हमें जोड़ता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सौहार्द की सराहना करते हुए कहा, "छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।" साथ ही प्रदेश के स्वर्णिम भविष्य की कामना भी की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रपति के आगमन पर कृतज्ञता ज्ञापन करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ विधानसभा का रजत जयंती दिवस मना रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था। लोकतंत्र की जड़ें भारत में वैदिक काल से मजबूत रही है।
विधानसभा के सदस्य सत्र के लिए बहुत मेहनत करते हैं। एक अच्छे वातावरण में सदन का काम बेहतर चल रहा है। हाल में विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया चलते रहने चाहिए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। आज राष्ट्रपति महोदय को हम सुनेंगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
विधानसभा में संबोधन से पहले राष्ट्रपति ने पौधारोपण भी किया। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा को लेकर रायपुर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इस दौरान एयरपोर्ट से विधानसभा तक का रास्ता 'नो मेंस लैंड' घोषित किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अनाधिकृत प्रवेश से बचा जा सके।
राष्ट्रपति की सुरक्षा को चार प्रमुख सेक्टरों में बांटा गया है और सुरक्षा में करीब 700 पुलिस अधिकारियों और जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की पूरी कमान रायपुर रेंज के आईजी और एसएसपी रायपुर संभाल रहे हैं।