राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रदेशभर की जेलों में कैदियों के बीच मारपीट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। रायपुर-बिलासपुर समेत प्रदेश की नौ जेलों में पिछले एक साल के भीतर मारपीट और यौन उत्पीडन व अन्य तरह के 100 से अधिक प्रकरण पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं। जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे हैं।
सबसे बड़ी जेल रायपुर में तो क्षमता से दोगुने से अधिक कैदी हैं। प्रदेश में केंद्रीय, जिला और उपजेलों को मिलाकर कुल 33 जेल हैं। रायपुर केंद्रीय जेल प्रदेश में सबसे बड़ा है। जेल मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश की जेलों में क्षमता 14,733 कैदियों की है, लेकिन वर्तमान में करीब 19,000 कैदी बंद हैं।
रायपुर में 1,586 कैदियों की क्षमता है और 3,291 कैदी हैं। इन जेलों में हुई मारपीट की घटनाएं पिछले एक साल में प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जिला जेल राजनांदगांव, बैकुंठपुर, राजमानुजगंज, महासमुंद, बलौदाबाजार और सारगंढ़ जेलों में कैदियों के मारपीट, यौन उत्पीडऩ समेत अन्य तरह की घटनाएं सामने आई हैं। रायपुर केंद्रीय जेल में ही नहीं, बल्कि बिलासपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा आदि जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे हैं।
प्रदेश की जेलों में कैदियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए वर्तमान जेलों की क्षमता में बढ़ोतरी की जा रही है। इसी कड़ी में रायपुर के मंदिर हसौद क्षेत्र के गोढ़ी गांव में नई जेल बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए करीब पांच करोड़ की राशि मंजूर की गई है और 50 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई है। बिलासपुर के बैमानगोई गांव में 1,500 कैदी की क्षमता वाली विशेष जेल निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बेमेतरा के ग्राम पर्थरा में 200 कैदी की क्षमता वाली नई जेल का निर्माण कार्य जारी है। भाटापारा और भानुप्रतापुर में 100-100 बंदी की क्षमता वाले जेल भवन का निर्माण कार्य किया गया है। इसके आधिपत्य की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नई जेलों का निर्माण कार्य के पूरा होने से कैदियों की आवास क्षमता में बढ़ोतरी होगी।