नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते सब्जियों की कीमतें बढ़नी शुरू हो गई हैं। मंडियों में अब सब्जियां खरीदना बजट से बाहर होते जा रहा है। व्यापारी भी इस समय घाटा सहते हुए मंगा रहे हैं, लेकिन बारिश की मार और बाहरी राज्यों पर निर्भरता ने सब्जियों को महंगा कर दिया है। वर्तमान में रायपुर सहित प्रदेश की मंडियों में 25 प्रतिशत सब्जियां आसपास के जिलों से आ रही हैं, जबकि शेष 75 प्रतिशत की आपूर्ति कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से हो रही है। इन राज्यों में भी बारिश के चलते फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे थोक मूल्यों में वृद्धि देखने को मिल रही है।
टमाटर कर्नाटक से आ रहा है, जहां एक कैरेट की कीमत 800 रुपये तक पहुंच गई है। वहां से कैरेट के हिसाब से सीमित माल ही भेजा जा रहा है, जिससे थोक व्यापारी घाटे में सब्जी बेचने को मजबूर हैं। महाराष्ट्र से आने वाली फूलगोभी और पत्तागोभी भी महंगी हो गई है। राजस्थान से आ रही शिमला मिर्ची की आवक सीमित होने से इसके दाम भी बढ़े हैं। पश्चिम बंगाल से परवल और आलू आ रहे हैं, लेकिन परिवहन खर्च और बारिश के चलते इनकी कीमतों में भी उछाल है। मध्यप्रदेश से धनिया, हरी मिर्च, गाजर और बीट आ रही है, जबकि महाराष्ट्र से हरी मिर्च और गंवार फली की आपूर्ति हो रही है। इन सभी की कीमतें औसतन 20-30 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
रायपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों से आने वाली लौकी, करेला, भिंडी, भांटा, खीरा, पालक, लाल भाजी, गिलकी जैसी सब्जियां भी बारिश में खराब हो चुकी हैं। इससे उनकी आपूर्ति घट गई है और कीमतों में इजाफा हो गया है।
फिलहाल सेमी सबसे महंगी सब्जियों में शामिल है। इसका थोक मूल्य 120 से 140 रुपये प्रति किलो और रिटेल मूल्य 160 से 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। वहीं गरियाबंद के जंगली क्षेत्रों से आने वाला मशरूम भी आम जनता की पहुंच से बाहर हो चुका है। थोक में इसका मूल्य 1300 रुपये किलो तक पहुंच गया है, जबकि रिटेल में 500 रुपये प्रति पाव बिक रहा है।
थोक व्यापारी बताते हैं कि बारिश के चलते माल समय पर नहीं आ पा रहा और जो आ रहा है उसकी क्वालिटी भी प्रभावित है। ऊपर से दाम बढ़ने के कारण खरीद कम हो गई है। उधर, उपभोक्ताओं को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर क्वालिटी खराब है, दूसरी ओर कीमतें आसमान छू रही हैं।
बारिश के कारण सब्जियों की आवक में कमी आई है। इसका असर सब्जियों की कीमत में पड़ना शुरू हो गया है, लेकिन थोक व्यापारी सब्जियों की कीमतों को संतुलित रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इन दिनों कम मुनाफे के साथ आम जनता को सब्जियां उपलब्ध कराएं। इसके लिए रेट टू रेट सब्जियां बेचने की कोशिश की जा रही है। श्रीनिवास रेड्डी, अध्यक्ष, श्रीराम थोक सब्जी विक्रेता समिति, डूमरतराई (रायपुर)