CG Monsoon Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गरमाया जल जीवन मिशन और CSR मद का मुद्दा, विपक्ष का वॉकआउट
CG Monsoon Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान दो अहम मुद्दों बस्तर में CSR मद की राशि और जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। चलिए, जानते हैं पूरा मामला ।
Publish Date: Tue, 15 Jul 2025 01:53:25 PM (IST)
Updated Date: Tue, 15 Jul 2025 02:05:25 PM (IST)
विधानसभा सदन में पक्ष और विपक्ष में बहस( फाइल फोटो)HighLights
- मानसून सत्र के दूसरे दिन भी दिखा सदन में हंगामा।
- मुद्दों बस्तर में CSR मद की राशि को लेकर हंगामा।
- जल जीवन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान दो अहम मुद्दों बस्तर में CSR मद की राशि और जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। सदन में आंकड़ों को लेकर हंगामा इतना बढ़ा कि विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
CSR फंड पर उठा सवाल: 104 करोड़ की राशि, जगदलपुर में 89 कार्य
विधानसभा में विधायक किरण देव के प्रश्न के लिखित उत्तर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि बस्तर संभाग के सात जिलों सुकमा, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोण्डागांव, बीजापुर और बस्तर में वर्ष 2022 से 20 जून 2025 तक कुल 104.71 करोड़ की राशि सीएसआर मद में प्राप्त हुई है।
जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में इस राशि में से 10.46 करोड़ की लागत से 89 कार्य स्वीकृत किए गए, जिनमें से 65 कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि 24 अभी अपूर्ण हैं। बजट की कमी के कारण कुछ प्रस्तावित कार्य स्वीकृत नहीं हो सके। मंत्री ने बताया कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के तहत जिन कंपनियों का टर्नओवर, नेटवर्थ या लाभ तय मापदंडों के अनुरूप है, उन्हें अपने तीन वर्षों के औसत लाभ का न्यूनतम 2% सीएसआर में खर्च करना होता है।
जल जीवन मिशन पर विपक्ष का हंगामा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन की प्रगति पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 तक योजना पर खर्च और वास्तविक उपलब्धि में भारी अंतर है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में कम राशि खर्च की गई और नतीजतन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।
इसके जवाब में जल संसाधन मंत्री अरुण साव ने कहा कि इस अवधि में योजना पर 15,045 करोड़ यानी करीब 57% राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 31.16 लाख घरों में नल के माध्यम से पानी पहुंचाया गया है और 3,836 गांवों में यह सुविधा पूरी तरह कार्यरत है। वहीं, विपक्ष का कहना था कि केवल 21 लाख घरों में ही पानी मिल रहा है, शेष 15 लाख घरों में सिर्फ कनेक्शन दिए गए हैं।
विपक्ष का वॉकआउट, तीखी बहस और नारेबाजी
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 74% कार्य पूरे किए गए थे, जबकि मौजूदा सरकार ने 20 महीनों में सिर्फ 7% कार्य किए हैं। भूपेश बघेल ने भी आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार ने सिर्फ आंकड़ेबाजी की है। उन्होंने कहा, “2 साल में सिर्फ 10 लाख घरों को ही पानी मिल पाया है।”
इधर, सत्ता पक्ष के डिप्टी सीएम अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा, “आपने नल लगाए, लेकिन पानी नहीं पहुंचाया। हमने 10 लाख घरों में पानी दिया।” सदन में देवेंद्र यादव और अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस हुई जो तू-तू मैं-मैं और नारेबाजी तक पहुंच गई। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए सभी सदस्यों को आसंदी की मर्यादा बनाए रखने और अनुशासन में रहकर बोलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि देशभर में छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही देखी जाती है, इसलिए सभी सदस्य संयम रखें।