Raipur News : एम्स में निश्शुल्क काकलियर इम्प्लांट से जन्मजात बहरापन दूर, शासन के चिरायु योजना से 23.63 लाख बच्चों की हुई स्क्रीनिंग
चिरायु योजना के तहत जन्मजात बहरेपन के शिकार बच्चों की स्क्रीनिंग कर शासन द्वारा उन्हें निश्शुल्क इलाज उपलब्ध कराई जा रही है।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Sun, 04 Sep 2022 05:13:45 PM (IST)
Updated Date: Sun, 04 Sep 2022 05:13:45 PM (IST)

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चिरायु दल द्वारा नियमित जांच के दौरान रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची नेहा (बदला हुआ नाम) श्रवण संबंधी विकार से पीड़ित पाई गई। बच्ची जन्म से ही श्रवण संबंधी विकार से पीड़ित थी। नेहा की सुनने की शक्ति अन्य बच्चों की अपेक्षा कम थी।
स्क्रीनिंग के बाद नेहा को चिरायु दल द्वारा रायपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया। यहां पर सभी तरह की जांच के बाद स्पीच थेरेपी दी गई। चिकित्सा विशेषज्ञों के द्वारा नेहा को 'काकलियर इम्प्लांट" के योग्य बताए जाने पर 22 अगस्त को एम्स में किया गया। आपरेशन के बाद वह स्वस्थ हो गई। उसे विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया है।
18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग
चिरायु दल द्वारा जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए चिरायु टीम आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में जाकर नियमित जांच करती है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 330 चिरायु दल सक्रिय हैं। इन दलों के द्वारा अप्रैल-2022 से अब तक 23,62,892 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। बता दें स्क्रीनिंग के बाद 44 तरह की बीमारियों का उपचार किया जाता है।
चिरायु योजना के तहत जन्मजात बहरेपन के शिकार बच्चों की स्क्रीनिंग कर शासन द्वारा उन्हें निश्शुल्क इलाज उपलब्ध कराई जा रही है। जो इस समस्या से पीड़ित हैं, ऐसे बच्चे अस्पताल में आकर इलाज करा सकते हैं।
-डा. वीआर भगत, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम