रायपुर। Raipur News राज्य उपभोक्ता आयोग ने रेलवे के खिलाफ नौ हजार रुपये जुर्माना लगाया है। रेलवे की लापरवाही के चलते एक यात्री की बिलासपुर से दिल्ली के लिए हमसफर ट्रेन छूट गई थी। इसके बाद यात्री को रायपुर से दिल्ली फ्लाइट से जाना पड़ा था। रेलवे की लापरवाही के चलते परेशान यात्री ने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया था। और हर्जाना देने की मांग की थी।
यात्री के परिवाद पर उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया। एयर टिकट का किराया सहित उसके ट्रेन किराया कुल आठ हजार 964 रुपए लौटाने के आदेश दिए हैं। अपील की सुनवाई में छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया एवं सदस्य रूचि गोयल ने यह पाया कि रेलवे द्वारा एक्सप्रेस ट्रेन को पैसेंजर बनाकर चलाए जाने के संबंध में 11 औपचारिक सूचना जारी किया जाना चाहिए था एवं उचित उद्घोषणा किया जाना था। जारी सूचना की कोई प्रति प्रकरण में प्रस्तुत नहीं किया गया।
सेवा में कमी देना होगा क्षतिपूर्ति :
अपील की सुनवाई करते समय छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल एवं मुख्य स्टेशन प्रबंधक, रायगढ़ को सेवा में कमी का दोषी पाकर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। परिवादी रायगढ़ निवासी संतोष मित्तल का बिलासपुर से निजामुद्दीन तक हमसफर एक्सप्रेस में 25 दिसंबर 2019 को आरक्षण था। बिलासपुर आने के लिए रायगढ़ से बिलासपुर तक जनशताब्दी एक्सप्रेस में आरक्षण कराया था। यात्रा दिनांक को जनशताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा प्रारंभ करने के बाद जब सभी स्टेशनों में गाड़ी रूकना प्रारंभ हुई तो टीटीई से पूछने पर पता चला कि उक्त दिनांक को जनशताब्दी एक्सप्रेस को पैसेंजर बनाकर चलाया जा रहा था। जिसकी वजह से गाड़ी बिलासपुर में ढाई घंटे विलंब से पहुंची।
दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी थी ट्रेन
तब तक हमसफर एक्सप्रेस बिलासपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी थी। गाड़ी छूटने की वजह से वह जनशताब्दी से ही रायपुर तक आया और उसे रायपुर से दिल्ली विमान से जाना पड़ा। जिसमें हुए आर्थिक नुकसान एवं मानसिक-शारीरिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के लिए रेलवे के खिलाफ सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए उसने जिला आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। रेलवे द्वारा जवाब में केवल यह कहा गया कि तीसरी एवं चौथी लाइन का कार्य प्रारंभ करने के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस को संशोधित कर चलाया जा रहा था। जिसकी सूचना समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुई थी। सूचना दिए जाने के बाद भी यात्री उसी गाड़ी से यात्रा किया जिस के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं है। आयोग ने रेलवे को सेवा में कमी का दोषी पाया था।