रायपुर । रायपुर विकास प्राधिकरण ने देवेन्द्र नगर के एक गार्डन की देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी दशमेश सेवा सोसाइटी को सौंपी है। सोसाइटी ने जीर्णशीर्ण पड़े इस गार्डन में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पहले चरण में बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके बाद घास और पौधे लगेंगे। बताया जाता है कि कुछ महीनों में काम पूरा होने के बाद गार्डन का लोकार्पण एक मंत्री कर सकते हैं।
शहर में आरडीए और नगर निगम के कई गार्डन हैं। लेकिन फंड की कमी के कारण देखरेख नहीं हो पा रही है, जिसके चलते राजधानीवासी गार्डन का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। दशमेश सेवा सोसाइटी का कहना है कि स्थानीय लोगों की सहमति से गार्डन की देखरेख और निर्माण का जिम्मा लिया गया है। आरडीए की यह जमीन सालों से खाली पड़ी थी और आरडीए भी इसका रखरखाव नहीं कर पा रहा था। इसलिए देवेन्द्र नगर सेक्टर-4 के इस गार्डन के रखरखाव का जिम्मा सोसाइटी को दिया गया है। अभी इस गार्डन की बाउंड्रीवॉल ऊंचा करने का काम चल रहा है। इसके बाद अंदर काली मिट्टी डालकर घास और पौधे लगाए जाएंगे। सोसाइटी के संस्थापक सदस्य परविंदर सिंह भाटिया का कहना है कि उनकी सोसाइटी स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर इसका निर्माण कर रही है। बाउंड्रीवाल बनने के बाद इसके अंदर घास लगाने का काम शुरू होगा। कॉलोनी में कोई गार्डन भी नहीं है। कम से कम यहां के बुजुर्ग और बच्चे यहां आकर बैठेंगे।
दूसरों को भी मिल सकती है रखरखाव के नाम पर जमीन
आरडीए ने जिस तरह देवेन्द्र नगर के इस गार्डन को मरम्मत और रखरखाव के लिए दशमेश सेवा सोसाइटी को दी है। उसी तरह दूसरी समितियों को भी खाली गार्डन या जमीन को रखरखाव के लिए आरडीए दे सकता है। वैसे भी शहर में कुछ स्थानों पर आरडीए के पार्क और जमीन खाली पड़ी है, जिसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। आरडीए का मानना है कि उनके पास रखरखाव के लिए फंड की कमी रहती है। इसलिए कोई सोसाइटी देखरेख या रखरखाव के लिए जमीन की मांग करती है तो यह समाज के हित में है।
गार्डन आरडीए की है। लेकिन रखरखाव नहीं हो पा रहा था। इसलिए इसे दशमेश सेवा सोसाइटी को दिया गया है। यदि और कोई सोसाइटी रखरखाव के लिए जमीन या पार्क की मांग करती है तो उसे दिया जा सकता है।
सौरभ कुमार, सीईओ, रायपुर विकास प्राधिकरण
साल भर पहले गार्डन की मरम्मत और देखरेख की अनुमति दशमेश सेवा सोसाइटी को दी गई है। सोसाइटी इसकी देखरेख करेगी। दूसरी समितियों को भी खाली जमीन को रखरखाव के लिए दिया जा सकता है।
जेएस भाटिया,चीफ इंजीनियर,आरडीए