छत्तीसगढ़: राजस्व कार्यालयों में कामकाज ठप, तहसीलदार-नायब तहसीलदार हड़ताल पर
प्रदेश के सभी राजस्व कार्यालयों में सोमवार से कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।प्रदेश के 118 तहसील कार्यालयों में करीब 14,223 प्रकरणों में लोगों को पेशी पर बुलाया गया था, लेकिन अफसर खुद हड़ताल पर चले गए। इसका सीधा असर उन आम लोगों पर पड़ा है
Publish Date: Tue, 29 Jul 2025 12:33:07 PM (IST)
Updated Date: Tue, 29 Jul 2025 12:33:07 PM (IST)
सीमांकन, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र जारी होना रुका।HighLights
- सीमांकन, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र जारी होना रुका।
- नामांतरण, बंटवारा और भू-अभिलेखों की फाइलें अटकीं।
- छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं के आवेदन प्रभावित।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: प्रदेश के सभी राजस्व कार्यालयों में सोमवार से कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सोमवार से सामूहिक अवकाश लेकर चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की है।
प्रदेश के 118 तहसील कार्यालयों में करीब 14,223 प्रकरणों में लोगों को पेशी पर बुलाया गया था, लेकिन अफसर खुद हड़ताल पर चले गए। इसका सीधा असर उन आम लोगों पर पड़ा है, जो सीमांकन, प्रमाण पत्र, नामांतरण और न्यायालयीन सुनवाई जैसे कामों के लिए तहसीलों में पहुंचे थे। सोमवार सुबह से ही कार्यालय सूने पड़े मिले और अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोग निराश होकर लौट गए।
लोगों का कहना है कि वे प्रमाण पत्रों और सीमांकन के लिए महीनों से इंतजार कर रहे थे, अब हड़ताल से और लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
17 सूत्री मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे अफसर
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने "संसाधन नहीं तो काम नहीं" के नारे के साथ आंदोलन शुरू किया है। उनका कहना है कि तहसीलों में स्टाफ, वाहन, सुरक्षा और तकनीकी संसाधनों की भारी कमी है। कई बार शासन को अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं हुई, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
14 अगस्त के बाद सुनवाई की नई तारीखें
सोमवार को प्रदेशभर में राजस्व न्यायालयों में 24,444 मामलों की सुनवाई तय थी। इनमें से एसडीएम, एडीएम और कलेक्टर न्यायालय के 10,221 मामलों की सुनवाई पूरी हो सकी, जबकि तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के पास लंबित 14,223 प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो पाई।
यानी सुनवाई का औसत सिर्फ 41 प्रतिशत रहा, जबकि 59 प्रतिशत प्रकरण अटक गए। अधिकांश मामलों की नई पेशी अब 14 अगस्त के बाद दी गई है।
अधिकारी बोले
कृष्णकुमार लहरे, प्रांताध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने कहा कि "हमने कई बार शासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। अब बिना संसाधन के काम संभव नहीं है। यदि मांगे नहीं मानी गईं तो हमें अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ेगा।"
आंदोलन का कार्यक्रम:
- 28 जुलाई: जिला मुख्यालयों में सामूहिक अवकाश और प्रदर्शन
- 29 जुलाई: संभाग और राज्य स्तर पर प्रदर्शन
- 30 जुलाई: राजधानी में बड़ा धरना
- इसके बाद: मांगें पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल
इन कामों पर पड़ा असर:
- सीमांकन, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र जारी होना रुका
- नामांतरण, बंटवारा और भू-अभिलेखों की फाइलें अटकीं
- छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं के आवेदन प्रभावित
- राजस्व न्यायालयों की सुनवाई अनिश्चितकाल तक स्थगित