संत ललितप्रभ का प्रवचन में संदेश, जिस घर में प्रेम हो वह स्वर्ग
जिस घर में प्रेम होता है, वह घर स्वर्ग होता है और जिस घर में प्रेम नहीं होता वह घर श्मशान होता है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Tue, 02 Aug 2022 09:02:13 AM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Aug 2022 09:02:13 AM (IST)

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। घर-परिवार की अगर सबसे बड़ी कोई संपत्ति होती है तो वो है परिवार के सब लोगों में रहने वाला प्रेम। जैसे बिना पैसे के पर्स खाली व बेकार होता है, जैसे बिना पानी की नदी व्यर्थ होती है, वैसे ही बिना प्रेम का परिवार बेकार होता है। घर को स्वर्ग बनाने की शुरुआत ही प्रेम से होती है। यह संदेश आउटडोर स्टेडियम में क्या करें कि आपका घर बने स्वर्ग विषय पर संत ललितप्रभ महाराज ने दिया।
संत ने कहा कि अगर आप चार भाई हैं और कभी ऐसी नौबत आ जाए कि या तो आपको 25 लाख का नुकसान उठाना पड़ेगा या चार भाइयों को अलग होना पड़ेगा। भरोसा कीजिए आप दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने रहेंगे अगर आपने ये निर्णय कर लिया कि मैं 25 लाख का नुकसान उठाने को तैयार हूं, पर हम चार भाई कभी आपस में जुदा नहीं होंगे। ये नुकसान नहीं, आपका लिया महान निर्णय है। जिंदगीभर आप लाभ ही लाभ में रहेंगे। बड़े-बुजुर्ग कह गए कि साथ रहो तो शक्कर भी सस्ती पड़ती है और अलग रहो तो नून भी महंगा पड़ता है।
कब्रिस्तान-घर एक बराबर, यदि प्रेम न रहे
संत ने कहा कि जिस घर में प्रेम होता है, वह घर स्वर्ग होता है और जिस घर में प्रेम नहीं होता वह घर श्मशान होता है। कब्रिस्तान में हजारों लोग अलग-अलग कब्रों में रहते हैं, वे आपस में गले मिलते नहीं हैं, वे एक-दूजे को देख मुस्कुराते नहीं हैं, एक-दूजे की कब्रों में जाते नहीं हैं, वे एक-दूजे के सुख-दुख में काम आते नहीं हैं। कब्रिस्तानों में कब्रें हैं और घर में कमरे हैं। एक बहू दूसरी बहू से, एक सास अपनी बहू से नहीं बोल रही है, भाई अपने भाई से नहीं बोल रहा है, तो फिर कब्रिस्तान की कब्रों में और हमारे घरों में क्या फर्क रह गया है।
हर दिन ईद, दीपावली-होली
संत ने कहा कि जिस घर में सुबह उठकर भाई-भाई आपस में गले मिलते हैं, उस घर में साल के 365 दिन ईद होती है। जहां देवरानी-जेठानी एक थाली में भोजन करती हैं, उस घर में साल में 365 दिन होली होती है। जिस घर में बहुएं रात को अपने बेडरूम में जाने से पहले अपनी दादी के पैर और कमर दबाने जाया करती हैं, वहां दीपावली साल में एक दिन नहीं 365 दिया हुआ करती है।