रायपुर। इस महंगाई के दौर में किताब, कॉपी समेत पढ़ाई के अन्य खर्च उठाना आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के लिए कठिन हो गया है। ऐसे में स्कूल से लेकर कॉलेज तक बने बचत बैंक छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं।
पढ़ाई के साथ बचत करने की इस सोच ने जहां छात्राओं को पढ़ाई खर्च में राहत दी है, वहीं जरूरतमंद छात्रों को कम कीमत पर स्टेशनरी स्कूल में मिल रही है। यहां कोई एकाउंट तो नहीं खुला, लेकिन सदियों से चली आ रही गुल्लक परंपरा को यहां देखा जा सकता है।
केस1 स्कूली छात्र ही करते हैं मॉनिटिरिंग
शंकर नगर के सरकारी अभ्यास स्कूल के छात्रों को अब स्टेशनरी सामग्री के लिए दिक्कत नहीं होती है। स्कूल में बाजार भाव से कम कीमत पर उन्हें पेन, पेंसिल, रबर, किताब, टाई, बेल्ट मिल रहे हैं। शिक्षक मोहित कुमार वर्मा को महसूस हुआ था कि रबर, पेंसिल के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं।
इस जरूरत को समझते हुए 2014-15 में उन्होंने लगभग 8 हजार रुपए खर्च कर स्टेशनरी सामग्री का स्टोर रूम बनाया। बचत स्टोर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं आठवीं क्लास की तान्या साहू। वे तीन टाइम इस मंदिर का कपाट खोलती हैं। क्लास साथियों को जरूरत के हिसाब से पैसे लेकर सामान देती हैं। वहां रखे गुल्लक से जो भी रुपए मिलते हैं, उसमें कुछ और मिलाकर फिर स्टेशनरी सामग्री लाई जाती है।
स्टोर में प्रमुख सामग्री
पेंसिल 2 रुपए
रबर 1 रुपए
कॉपी 10 रुपए
कंपास बॉक्स 28 रुपए
टाई और बेल्ट 30 रुपए
केस 2 जेब खर्च से बनाया बचत बैंक
डिग्री गर्ल्स कॉलेज कालीबाड़ी में हिंदी साहित्य की छात्राओं ने 2010 में पॉकिट खर्च के लिए मिले रुपए को ओजश्वनी बैंक के माध्यम जमा करना शुुरू किया। जरूरतमंद छात्राओं की आर्थिक मदद हो, इस सोच ने आज कई विद्यार्थियों की न केवल मदद की, बल्कि प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का अवसर दिया।
विभागाध्यक्ष डॉ.सरिता मिश्रा ने बताया कि दिसंबर 2014 में नैक ने भी इस योजना की तारीफ की। जमा हो रहे हर पैसे का हिसाब हर तीन महीने में संरक्षक के समक्ष रखा जाता है। इसके लिए सात सदस्यीय छात्राओं की टीम बनी है, जिसमें संरक्षक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सदस्य शामिल हैं।
यहां खर्च होती है जमा राशि
-परीक्षा शुल्क के साथ कोचिंग के लिए
-प्रतियोगिताओं की परीक्षा में बैठने के लिए
-आपातकाल में किसी भी काम के लिए
केस 3 नेत्रहीन बालिका को दिया रोजगार
हीरापुर स्थित प्रेरणा ब्लाइंड बालिका स्कूल में भी कुछ इसी तरह से छात्राओं को रोजगार देकर मदद की जाती है। स्कूल कैंपस में ही छात्राएं दुकान संचालित करती हैं, जिसमें स्टेशनरी से लेकर रुटीन सामग्री होती है। स्कूल संस्था में कार्यकारणी सदस्य विनोद टंडन की मानें तो दुकान के माध्यम से आने वाली रकम बैंक में जमा होती है और उसी से दुकान संबंधी सामग्री की खरीदी की जाती है।
विश्व बचत दिवस आज
विश्व बचत दिवस सभी व्यक्तियों और समस्त राष्ट्रों की बचत एवं वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्वभर में प्रतिवर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। घर में रुपए रखने के बजाय बैंक में रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए बचत दिवस की शुरुआत की गई।