
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में पिछले पौने चार वर्षों में प्रशासनिक विकेंद्रीकरण का नया अध्याय जुड़ गया है। प्रदेश में अब 33 जिले, 108 अनुविभाग और 227 तहसील हो चुकी हैं। इन वर्षो में ही प्रदेश को छह नए जिले, 19 अनुविभाग और 77 तहसील की ऐतिहासिक सौगात मिली है। राज्य शासन ने प्रदेश का नया मैप भी जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 10 फरवरी को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का उद्घाटन किया गया। वर्ष 2022 में पांच और नए जिलों मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और सक्ती का शुभारंभ हुआ। इसके अलावा 77 नए तहसील और 19 अनुविभाग बनाए गए हैं। इन सभी स्थानों पर तहसीलदारों, अनुविभागीय अधिकारियों की पदस्थापना भी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि राज्य में नवगठित जिलों से विकास की नई रोशनी आएगी। लोगों तक विकास के लिए तैयार की गई योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचेगा। प्रशासनिक विकेंद्रीकरण जनआकांक्षाओं की पूर्ति के साथ-साथ पिछड़े और अविकसित क्षेत्रों को भी विकास की बराबरी में आने का मौका मिलेगा।
यह कहते हैं प्रदेश के भौगोलिक तथ्य
1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का हुआ गठन
9वां बड़ा राज्य बना छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से पूरे देश में
16 जिले थे राज्य स्थापना के समय प्रदेश में
2007 में दो नए जिले नारायणपुर व बीजापुर का गठन
1 जनवरी 2012 को नौ नए जिले सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज बनाए गए
10 फरवरी 2020 को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला बना
02 सितंबर 2022 को मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला बना
03 सितंबर 2022 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला बना
09 सितंबर को मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और सक्ती जिला बना